

Mohan Yadav’s Organization Capacity: हेमंत खंडेलवाल के बहाने मध्यप्रदेश भाजपा में नई ऊर्जा और नेतृत्व का सूत्रपात
विक्रम सेन की खास राजनीतिक रिपोर्ट
मध्यप्रदेश भाजपा में हाल ही में हुए बदलावों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संगठन क्षमता और उनकी रणनीतिक सोच को एक बार फिर साबित कर दिया है। हेमंत खंडेलवाल की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति सिर्फ एक राजनीतिक फैसला नहीं, बल्कि संगठन के भीतर नई ऊर्जा और समन्वय का संकेत भी है।
खंडेलवाल की नियुक्ति ने यह साफ कर दिया है कि अब संगठन में मोहन यादव की पकड़ और गहरी हो गई है। लंबे समय से पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को दरकिनार कर, उन्होंने अपनी पसंद के नेता को अध्यक्ष पद तक पहुंचाया। इससे पुराने गुटों को बड़ा झटका लगा है, वहीं कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगी है।
मोहन यादव और हेमंत खंडेलवाल की जोड़ी अब संगठन और सरकार के बीच समन्वय का नया अध्याय लिखने जा रही है। अब दोनों के बीच संवाद और सहयोग और मजबूत होगा। और, इससे जहां पार्टी की ताकत बढेगी वहीं दूसरी और प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी।
केंद्रीय नेतृत्व ने भी डॉ. मोहन यादव की रणनीति और नेतृत्व को समर्थन देकर यह संदेश दिया है कि पार्टी की दिशा और भविष्य अब उन्हीं के हाथों में है। खंडेलवाल की ताजपोशी से साफ है कि सत्ता और संगठन की धुरी अब मोहन यादव बन चुके हैं।
*नई ऊर्जा और नेतृत्व का सूत्रपात*
1. खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाना मोहन यादव की संगठन नीति की बड़ी जीत मानी जा रही है, जिससे पुराने गुटों को बड़ा झटका भी लगा है।
2. खंडेलवाल की नियुक्ति से यह भी साफ हो गया कि संगठन और सरकार में अब समन्वय का नया अध्याय शुरू हो रहा है, जिसमें मोहन यादव की भूमिका निर्णायक है।
3. भाजपा को नया नेतृत्व मिलने से पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और मोहन यादव की रणनीति पूरी तरह रंग लाई है।
4. केंद्रीय नेतृत्व ने भी डॉ. मोहन यादव के दमदार नेतृत्व को खुला समर्थन दिया है, जिससे खंडेलवाल की ताजपोशी के जरिए यह संदेश साफ गया है कि अब सत्ता और संगठन की धुरी मोहन यादव ही हैं।
5. उनकी पसंद से अध्यक्ष चुना जाना बताता है कि वे सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि संगठन की दिशा भी तय कर रहे हैं।
भाजपा को नया नेतृत्व मिलने से पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। मोहन यादव की रणनीति ने न सिर्फ पार्टी की आंतरिक राजनीति को साधा, बल्कि कार्यकर्ताओं में उत्साह और भरोसा भी बढ़ाया। अब संगठन में युवाओं और नए चेहरों को आगे लाने की संभावना भी बढ़ गई है।
इस तरह, मोहन यादव और खंडेलवाल की जोड़ी ने मध्यप्रदेश भाजपा में समन्वय, ऊर्जा और नई दिशा का सूत्रपात कर दिया है, जिससे पार्टी का भविष्य और भी बेहतर और मजबूत नजर आ रहा है।