मोदी-शाह की मौजूदगी में रंग लाएंगे मोहन के प्रयास…

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मोदी-शाह की मौजूदगी में रंग लाएंगे मोहन के प्रयास…

कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्यप्रदेश की यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इससे पहले हुईं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से अलग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में शुरु और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समापन की बेला के बीच के पलों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयास रंग लाएंगे। यह पहली बार ही है जब रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव के सफल आयोजन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सेतु बनने जा रहे हैं। यह पहली बार ही है जब यूके, जर्मनी और जापान जैसे देश आयोजन में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। यह पहली बार है जब प्रदेश की औद्योगिक विकास एवं निवेश नीतियों को नए सिरे से सृजित किया गया है। यह पहली बार ही है जब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हो रहा है। और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प यह जता रहे हैं कि इंवेस्टर्स समिट निवेश की दृष्टि से परिणामोन्मुखी होने वाली है।
जैसा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि मध्यप्रदेश असीम संभावनाओं का प्रदेश है। मध्यप्रदेश की देश में केन्द्रीय स्थिति इसे और भी अधिक विशेष बनाती है। म.प्र. के औद्योगिक विकास के लिए हमारी सरकार ने जो नई निवेश नीति बनाई है, वह देश में सबसे बेहतर है, सबसे अच्छी है। आप जितने चाहे उतने उद्योग लगाइए, सरकार हर पल, हर कदम पर आपके साथ है। मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने वाले निवेशक सदैव लाभ में रहे हैं। आप जैसे चाहें वैसे उद्योग लगाएं और मुनाफा कमाएं। तो यह सबसे खास बात है कि उद्योगपतियों के भरोसे पर खरा उतरने का प्रमाण देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1100 से अधिक औद्योगिक इकाईयों को 450 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय प्रोत्साहन राशि पारदर्शी तरीके से डीबीटी से हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और भोपाल के निवेशक बेहिचक न केवल निवेश करें, बल्कि 24-25 फरवरी को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी भी करें। जीआईएस भोपाल में हो रहा एक वैश्विक समागम है और यह एक अत्यंत ऐतिहासिक अवसर होने जा रहा है। देश-विदेश से यहां आने वाले निवेशक हमारे मेहमान हैं। उनके स्वागत में कोई कमी न रहें, जो भी भोपाल आए, वह एक अच्छी स्मृति लेकर ही जाए। एमएसएमई सेक्टर में मध्यप्रदेश का देश में 7वां स्थान है। यह प्रदेश का सबसे उभरता हुआ सेक्टर है। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि प्रदेश में हर प्रकार के उत्पादों से जुड़े नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन किया जाएगा। साथ ही वर्तमान में चल रहे पुराने उद्योगों को भी जरूरी मदद मुहैया कराएंगे। पुराने उद्योगों को यदि आवश्यकता होगी, तो मांगे जाने पर उन्हें नवकरणीय ऊर्जा के जरिए विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भरोसा दिलाया है कि सरकार के बजट की एक-एक राशि जनता के समग्र कल्याण और प्रदेश के औद्योगिक विकास में व्यय की जाएगी। हम नए वित्त वर्ष में सरकार के बजट को 4 लाख करोड़ रूपए तक लेकर जाने की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार उद्योगों को सभी जरूरी मदद और प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सरकार ने सदैव अपने वचन का पालन किया और आगे भी करेंगे। उन्होंने कहा कि नई निवेश नीति में हमारी सरकार महिला उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान करने जा रही है। उद्योगपतियों को मल्टी स्टोरी इंडस्ट्रियल परिसर तैयार करने में, तो सरकार एक निश्चित सीमा तक छूट देगी। हम इंडस्ट्रियल परिसर में आवासीय गुजाइंश को भी अनुमति योग्य करने जा रहे हैं। हमारी सरकार उद्योग ऋण पर ब्याज में समुचित सीमा तक छूट भी देगी। तो दावा किया कि भोपाल में हो रही जीआईएस मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी, इसकी सफलता के लिए सबका सहयोग और सहभागिता जरूरी है।
उद्योगपतियों ने भी मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया है कि यह जीआईएस सर्वाधिक सफलता बटोरने वाली है। परिणामों की सार्थकता मोहन के प्रयासों की सफल परिणति की गवाही देगी, यह भरोसा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार मध्यप्रदेश को जीआईएस के लिए सबसे ज्यादा समय देने जा रहे हैं, तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उद्योगपतियों में नया विश्वास भरने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उम्मीदों पर उद्योगपति खरे उतरेंगे और निवेशकों की उम्मीदों पर मोहन खरे उतरेंगे, यह विश्वास बन गया है। ऐसे में भरोसा है कि मोहन के प्रयास रंग लाएंगे और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाई छूकर कीर्तिमान रचेगा…।