
असरदार साबित हो कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले ‘मोहन’ की यह सख्ती…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 7 अक्टूबर को प्रात: 10 बजे कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू होगी। कान्फ्रेंस में पुलिस आईजी और पुलिस अधीक्षक भी शामिल होंगे। उम्मीद है कि कॉन्फ्रेंस से ठीक एक दिन पहले छिंदवाड़ा कोल्ड्रिफ सिरप मौत प्रकरण में जिम्मेदारों के खिलाफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा की गई कठोर कार्रवाई असरदार संदेश देने में सफल होगी। कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में प्रत्येक क्षेत्र में राज्य सरकार की प्राथमिकताएं बतायी जायेंगी। तब उसमें ‘मानव जीवन के साथ खिलवाड़ का यह छिंदवाड़ा मॉडल’ कॉन्फ्रेंस में प्राथमिक चर्चा में शामिल रहेगा। कॉन्फ्रेंस में 8 सेक्टर होंगे और प्रत्येक सेक्टर के लिए 75 मिनट का सत्र समय रखा गया है। अगर देखा जाए तो 75 मिनट का एक पूरा सत्र जिलों में हो रही इस तरह की गड़बड़ियों में सुधार लाने में कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी की प्रभावी भूमिका पर केंद्रित होना चाहिए। और कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत ही ‘मानव जीवन के साथ खिलवाड़ के इस छिंदवाड़ा मॉडल’ में काल कवलित हुए बच्चों को श्रद्धांजलि के साथ ही होना चाहिए ताकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशीलता और सख्त कार्रवाई का अहसास कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी गंभीरता के साथ कर सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा प्रकरण के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री निवास पर उच्च स्तरीय बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा प्रकरण में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार सजग और संवेदनशील है। मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस क्रम में सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित और ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को पद से हटाया गया है। वहीं इससे पहले अधिकांश मरीजों को कोल्ड्रिफ दवा लिखने तथा अपने परिवार के सदस्य के माध्यम से कोल्ड्रिफ दवा की बिक्री कराने वाले डॉक्टर के निलंबन और दवा निर्माता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा न बने इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। कोल्ड्रिफ सिरप की निर्माता कंपनी पर कार्यवाही के लिए तमिलनाडु राज्य सरकार को घटनाक्रम से अवगत कराने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा जिले के परासिया में कफ सिरप के सेवन से हुई मासूम बच्चों की असामयिक मृत्यु की घटना पर अत्यंत संवेदनशील कदम उठाते हुए पूर्व में तय अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर 6 अक्टूबर 2025 को छिंदवाड़ा के परासिया पहुंचे और मृत बच्चों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजन के आंसू पोंछते हुए कहा कि यह सिर्फ आपकी नहीं, मेरी और हम सबकी पीड़ा है। आपके बच्चों का दुख मेरा भी है। वेदना की इस घड़ी में मैं, और पूरी सरकार आपके साथ है। उन्होंने कहा कि सभी दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सबको न्याय मिलेगा। घटना के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जो भी व्यक्ति या संस्था इस हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कठोरतम दंड दिलाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी दुघर्टनाओं की पुनरावृत्ति कतई नहीं होने पाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावित परिवारों से मिलने के बाद मीडिया से कहा कि इस मामले में सरकार ने सख्त कार्यवाही की है। संबंधित डॉक्टर पर कार्यवाही के अलावा जिस मेडिकल स्टोर से यह दवा बेची गई थी, उस मेडिकल स्टोर और दवा स्टॉकिस्ट दोनों पर कठोर कार्यवाही की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार बेहद संवेदनशील है और हमारा पूरा प्रयास है कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह नेक सोच तभी फलीभूत होगी, जब वास्तव में जिलों की हर गतिविधि पर कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी का ध्यान पूरी गंभीरता से केंद्रित होगा। चाहे मामला मानव जीवन से खिलवाड़ का हो या फिर कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और विभिन्न स्तरों पर हो रही गड़बड़ियों का हो… हर स्तर पर जिलों में कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जिलों में हुई गड़बड़ियों के लिए इससे पहले कई बार कलेक्टर-एसपी को जिम्मेदार मानते हुए सख्त कार्रवाई कर भी चुके हैं। तो यही उम्मीद की जा सकती है कि ‘मानव-जीवन के साथ खिलवाड़ का यह छिंदवाड़ा मॉडल’ और ऐसे मामले में ‘मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का यह मॉडल’ मध्य प्रदेश के सभी कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी को और ज्यादा जिम्मेदार बनाएगा ताकि ऐसी गड़बड़ियां से बचा जा सकेगा। तभी कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले ‘मोहन’ की यह सख्ती असरदार साबित हो सकेगी…और तभी प्रदेश में इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





