Indore : सेटेलाईट हिल्स कॉलोनी की भूमि को भूखंडों में काटकर उसे बेचने के बाद भी तीन बैंकों में गिरवी रखे जाने पर शहर के तीन बैंक प्रबंधकों को नोटिस जारी किए गए। बैंकों ने इन तथ्यों की अनदेखी की। अपर कलेक्टर और अपर जिला दंडाधिकारी अभय बेड़ेकर ने यूनियन बैंक की मुख्य शाखा, पंजाब नेशनल बैंक मनोरमागंज और यूको बैंक न्यू पलासिया शाखा के मुख्य प्रबंधकों को उक्त के संबंध में अभिलेख सहित अपना जवाब 21 फरवरी तक समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
अपर कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस अनुसार नारायण निर्यात इंडिया प्रालि को प्रदत्त 110.50 करोड़ के ऋण खाते की सुरक्षा के लिए एवलांच रियलिटी प्रालि की और से संचालक कैलाश पिता बापूलाल गर्ग द्वारा सेटेलाईट हिल्स कालोनी की कुछ भूमि को अनुमति प्राप्त कर पूर्व से भूखंडो के रूप में विभाजित कर बेचने के बावजूद विधि विरुद्ध बैंकों में बंधक रख दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल एक याचिका पर ने तीन कॉलोनियों कालिंदी गोल्ड सिटी, सैटेलाइट हिल्स और फोनिक्स टाउनशिप के भूखंड धारकों को समस्याओं को सुनकर उन्हें हल करने के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अपर कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि बैंकों द्वारा फोनिक्स कॉलोनी की गिरवी रखी गई जमीनों के कारण फाइनल सेटलमेंट एग्रीमेंट में दिक्कत आने की संभावना है। फिनिक्स कॉलोनी की गिरवी रखी गई जमीनों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी यह है कि नायता मुंडला तहसील एवं जिला इंदौर के पटवारी हल्का नंबर 13 (नया नंबर 66) पर स्थित विभिन्न सर्वे क्रमांकों में कुल रकबा 37.460 हेक्टेयर भूमि पर एवलांच रियलिटी प्रालि द्वारा सेटेलाईट हिल्स नामक कालोनी का विकास किया जाकर विभिन्न क्रेतागण के पक्ष में विभिन्न तिथियों में पंजीकृत विक्रय लेख निष्पादित कर कॉलोनी के भूखंडों को विक्रय किया गया है।
विभिन्न शिकायतकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत शिकायतों की जांच में ज्ञात हुआ है कि विभिन्न क्रेताओं के पक्ष में भूखंडों के विक्रय विलेख का निष्पादन कर विक्रय के बाद 7 जनवरी 2011 को मेसर्स एवलांच रियलिटी प्रालि कंपनी की और से संचालक कैलाश गर्ग एवं सुरेश गर्ग द्वारा अपने सहयोगी कंपनी में नारायण निर्यात इंडिया लि के ऋण खाते की सुरक्षा के बतौर कॉलोनी की भूमि में से विभिन्न सर्वे क्रमांक की भूमि को बैंकों के पास बंधक रखा गया है।
उक्त भूमि को बंधक रखे जाने से पूर्व एवलांच रियलटी प्रालि द्वारा उक्त भूमि पर कॉलोनी का विकास करने के लिए आवश्यक अनुमतियां एवं अनुमोदन प्राप्त किए जा चुके थे। समस्त अनुमतियां प्राप्त कर एवलांच रियलिटी प्रालि द्वारा उक्त भूमि पर सेटेलाईट हिल्स नामक कॉलोनी का विकास कर विभिन्न सर्वे क्रमांको की भूमि को भूखंडों के रूप में विभाजित कर विभिन्न क्रेताओं को भूखंडों का विक्रय किया जा चुका है। परंतु, बैंकों द्वारा उक्त समस्त तथ्यों को अनदेखा कर आवासीय प्रयोजन के लिए भूखंडों के रूप में परिवर्तित हो चुकी उक्त भूमि को विधि के विपरीत मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया लि के ऋण खाते की सुरक्षा के लिए बंधक रखा गया है। इस संबंध में मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया लिमिटेड के विरूद्ध बैंकों द्वारा सरफासी का प्रकरण अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय इंदौर में प्रस्तुत किया गया था, जो खारिज किया गया। इसके बाद भी बैंक द्वारा भूमि के विभिन्न सर्वे क्रमांकों के संबंध में एक समाचार पत्र में विज्ञप्ति जारी की गई, जबकि बैंक के पास उक्त भूमि का सरफासी एक्ट अंतर्गत धारा 13 (2) का सांकेतिक कब्जा है तथा मौके पर कब्जा है ही नहीं।
जारी नोटिस में कहा गया है कि बैंकों द्वारा उक्त भूमि को बंधक रखते समय अधिवक्ता के माध्यम से स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित जाहिर सूचना के प्रत्युत्तर में विभिन्न भूखंड धारकों द्वारा अपनी आपत्तियां प्रस्तुत की गई थी। परंतु, बैंकों ने उक्त समस्त आपत्तियों को दरकिनार कर उक्त भूमि को बंधक रखा है। उक्त भूमि को तीनों बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा हेड ऑफिस कमेटी के समक्ष रख स्वीकृत कराया गया। इसलिए तीनों बैंकों के तत्कालीन अधिकारियों से स्पष्टीकरण आवश्यक है।
जब तक बैंकों द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं की जाएगी तब तक फाइनल सेटलमेंट एग्रीमेंट किया जाकर भूखंड धारकों को भूखंड दिलवाने में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा एवं सर्वोच्च न्यायालय में उत्तर प्रस्तुत करने में भी कठिनाई होगी। ऐसी स्थिति में बैंकों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने हेतु अधोहस्ताक्षरकर्ता बाध्य होगा। इसलिए उपरोक्त तीनों बैंकों के मुख्य प्रबंधकों को उक्त के संबंध में अभिलेख सहित अपना जवाब 21 फरवरी 2022 को दोपहर 3 बजे तक समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।