इस खास ब्‍लड ग्रुप वालों को मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं

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इस खास ब्‍लड ग्रुप वालों को मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं

आपको भी कभी-कभी लगता होगा, यार ये मच्छर मुझे ही ज्यादा क्यों काटते हैं.यह सच है कि कुछ लोगों को मच्छर दूसरों की तुलना में ज्यादा काटते हैं.अमेरिका की पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, मच्छरों का काटना व्यक्ति की जींस पर निर्भर करता है. इसे इस तरह समझिए, अगर माता या पिता में से किसी एक को भी ज्यादा मच्छर काटते हैं तो आपके साथ भी ऐसा हो सकता है

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि जो मच्‍छर काटते हैं वो मादा होती हैं. नर मच्‍छर नहीं काटते. बहुत ज्‍यादा गर्मी या बहुत ठंड में मच्‍छरों का आतंक कम होता है लेकिन मानसून में ये बेहद सक्रिय होते हैं. यही कारण है कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी ज्‍यादा होता है.

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महक से होते हैं आकर्षित
कुछ लोगों की त्वचा ऐसी होती है, जिससे मच्छर उनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं. असल में ये शरीर में मौजूद खास बैक्टेरिया से निकलने वाला यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड और अमोनिया के कारण होता है. इसकी महक मच्छरों को पसंद होती है और यही कारण है कि इन्‍हें मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं.

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O ब्‍लड ग्रुप को सबसे ज्यादा और A ग्रुप को सबसे कम काटते हैं मच्छर
जैपनीज रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों का ब्लड ओ (O) होता है, मच्छर उन्हें ही ज्यादा काटते हैं. इनका ब्‍लड मच्छर को अपनी ओर खींचता है. जबकि ए (A) ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर कम काटते हैं. जिन लोगों का ब्लड ग्रुप बी (B) होता है, उन्हें मच्छर सामान्य तौर पर काटते हैं.

ब्‍लड ग्रुप

मच्छरों को कॉर्बन डाई आक्साइड भी है पसंद
मादा मच्छर की काटने की वजह उसके प्रजनन से जुड़ी है और फिर अंडे देती है. इसके अलावा, मच्छरों को कॉर्बन डाई आक्साइड यानी Co2 की गंध भी पसंद आती है. इस गंध को करीब डेढ़ सौ फीट की दूरी से भी मादा मच्छर सूंघ लेती है.

कारण बताते हैं कि किन-किन वजहों से आपको मच्छर दूसरों की तुलना में ज्यादा काटते हैं और इनकी डंक से बचने का उपाय क्या है.

1- सुनने में आपको अजीब लग सकता है, लेकिन बीयर पीने की वजह से मच्छर ज्यादा काटते हैं. असल में बीयर पीने से शरीर में इथेनॉल की मात्रा बढ़ जाती है और इथेनॉल मच्छरों को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है. आपके प्रति मच्छर जितना आकर्षित होंगे उतना ही काटेंगे.

2- एक रिसर्च के अनुसार, मच्छरों में देखने और रंग पहचानने की क्षमता होती है. मच्छर गहरे रंगों को आसानी से पहचान लेते हैं. जैसे लाल, नीला, जामुनी और काले रंग के कपड़े पहनने से मच्छर आपके पास ज्यादा आएंगे. वहीं सफेद और पीले रंग में मच्छर आपको कम काटेंगे.

3- जापान के शोधकर्ता यह साबित कर चुके हैं कि ओ ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. जबकि ए ब्लड ग्रुप के लोगों को मच्छर कम काटते हैं. मच्छरों के लिए ओ ब्लड ग्रुप के लोग किसी चुम्बक की तरह काम करते हैं. वहीं बी ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर सामान्य रूप से काटते हैं.

4- शोध से पता चलता है कि हर इंसान के शरीर की गंध कैसी है, यह उसके डीएनए पर निर्भर करता है. अब गंध और मच्छरों का क्या रिश्ता है, इस बारे में शोधकर्ताओं का दावा है कि कुछ विशेष गंध मच्छरों को अपनी और ज्यादा तेजी से आकर्षित करती हैं.

इंसान की त्वचा में रहने वाले बैक्टीरिया से रिलीज होने वाले यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड और अमोनिया की खुशबू के कारण मच्छर ज्यादा मंडराते हैं. तेज तापमान की वजह से शरीर से जो पसीना निकलता है उसमें ये सभी तत्व मौजूद रहते हैं. यानी जो लोग शारीरिक रुप से ज्यादा मेहनत करते हैं और जिन्हें पसीना आता है उनकी ओर मच्छर आकर्षित होते हैं.