समझौते से निराकृत हुए मोटरयान दुर्घटना के दावा प्रकरण एक साल तक सुरक्षित रहेंगे
भोपाल: प्रदेश में अब मोटरयान दुर्घटना दावा प्रकरणों में समझौते के माध्यम से निराकृत हुए मोटरयान दुर्घटना प्रकरणों के अभिलेख अवार्ड पारित होंने की तारीख से एक वर्ष तक के लिए संरक्षित किए जाएंगे।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में सभी सिविल न्यायालयों को निर्देश जारी किए है। अभी तक मध्यप्रदेश मोटरयान नियम के अधीन लोक अदालत में समझौता के माध्यम से निराकृत किए गए मोटरयान दुर्घटना दावा प्रकरणों के अभिलेख कम समय के लिए संरक्षित रखे जाते थे। कई बाद ऐसा भी हुआ है कि समझौते के जरिए निराकृत हुए प्रकरणों में किसी पक्ष के बाद में संतुष्ट नहीं होंने पर पुन: ऐसे मामलों को संचालित करने की आवश्यकता होती है। ऐसे में रिकार्ड उपलब्ध नहीं होंने से काफी दिक्कत जाती है। इसलिए उच्च न्यायालय जबलपुर के रजिस्ट्रार जनरल मनोज कुमार श्रीवास्तव ने निर्देश जारी किए है कि लोक अदालत में समझौता के माध्यम से निराकृत किए गए मोटरयान दुर्घटना दावा प्रकरणों के अभिलेख अंतिम पंचाट की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए संरक्षित किए जाए तथा अन्य मामलों में अंतिम पंचाट, आदेश की तारीख से चार वर्ष की कालावधि के लिए संरक्षित किए जाए बशर्ते की संपूर्ण अभिलेख को स्कैन कर लिया गया हो। प्रकरणों के सारे दस्तावेज स्कैन कर संरक्षित किए जाने पर रिकार्ड न्यायालय के पास मौजूद रहेगा। उस समय समझौते के आधार पर हुए निर्णय को लेकर विवाद या किसी पक्ष के समझौते से बाद में इंकार किए जाने पर उस समझौता प्रकरण के हर पहलू पर विचार किया जाएगा। इसके बाद ही नये सिरे से किसी मामले पर पुर्नविचार किया जा स
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