MP Assembly Budget Session: लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की 22 हज़ार 233 करोड़ 97 लाख 67 हज़ार रुपए की बजट अनुदान मांग ध्वनि मत से पारित

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MP Assembly Budget Session: लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की 22 हज़ार 233 करोड़ 97 लाख 67 हज़ार रुपए की बजट अनुदान मांग ध्वनि मत से पारित

Bhopal: MP Assembly Budget Session: मध्य प्रदेश विधानसभा में आज लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की 22 हज़ार 233 करोड़ 97 लाख 67 हज़ार रुपए की बजट अनुदान मांग ध्वनि मत से पारित हुई।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री (लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा) श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य मानकों में प्रदेश को अग्रणी बनाने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य अधोसंरचना विकास के साथ-साथ, आधुनिक उपकरणों, चिकित्सकीय/सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की उपलब्धता के लिये सुगठित प्रयास किये जा रहे हैं। इसी प्रयास को सशक्त करने के लिए इस वर्ष लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के बजट में लगभग 9 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल विधानसभा बजट सत्र में विभागीय अनुदान मांग पर अपना वक्तव्य दे रहे थे।

वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 8.78 प्रतिशत की वृद्धि

राजस्व मद में 4.62 प्रतिशत, पूंजी मद में 34 प्रतिशत की वृद्धि

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि कि लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रावधान में वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 8.78 प्रतिशत की कुल वृद्धि की गई है। इस वृद्धि में राजस्व मद में 4.62 प्रतिशत और पूंजी मद में 34 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है, जिससे प्रदेश के आमजनों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के सशक्तीकरण के लिये उपकरण और अधोसंरचना विकास के साथ आईपीएचएस मानक के आधार पर वृहद स्तर पर चिकित्सकीय सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की भर्ती की जा रही है। इनमें 3900 चिकित्सक, विशेषज्ञ, 4300 पैरामेडिकल स्टाफ सहित 16 हज़ार से अधिक सहायक स्टाफ की आउटसोर्स पर भर्ती की जा रही है।

निरोगी काया अभियान में की गयी अब तक 1 करोड़ से अधिक जांचे

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के साथ-साथ, राइट टू हेल्थ विकास का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि राइट टू हेल्थ के लिए राइट टू स्क्रीनिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। रोगों की सही समय में पहचान से उनका उपचार सहज हो जाता है। इस दिशा में पूरे देश में निरोगी काया महाभियान 20 फ़रवरी से 31 मार्च तक संचालित है। निरोगी काया अभियान में अब तक उच्च रक्तचाप के 48.82 लाख, मधुमेह के 46.90 लाख व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई, 10.43 लाख व्यक्तियों की एन.ए.एफ.एल.डी. की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 4.82 लाख व्यक्तियों की ओरल कैंसर, 1.42 लाख व्यक्तियों की सर्वाइकल कैंसर और 2.34 लाख महिलाओं की स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग की गई।

मध्यप्रदेश का कैंसर केयर मॉडल पूरे देश में अपनाया गया

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि कैंसर रोगियों के उपचार हेतु प्रदेश में 52 डे केयर सेंटर क्रियाशील हैं, जिनमें 42 कैंसर रोधी दवाएं उपलब्ध हैं। अप्रैल 2024 से आज तक 8,000 कीमोथेरेपी सत्र आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश का मॉडल अपनाया गया और केन्द्रीय बजट में पूरे देश में लागू करने का प्रावधान किया गया।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से दूरदराज के इलाकों में अमूल्य जीवन संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। अब तक 52 नागरिक इस सेवा से लाभान्वित हो सके हैं। उन्होंने बताया कि विगत दिनों जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से भोपाल में हार्ट ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट कर 2 जीवन को संरक्षित करने का कार्य किया गया। वर्तमान वर्ष के बजट में एयर एम्बुलेंस सेवा के लिए 60 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

आयुष्मान योजना में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सरकार द्वारा आयुष्मान भारत निरामयम्, मध्यप्रदेश योजनान्तर्गत कुल 4.26 करोड़ के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। योजना से लाभांवित हितग्राहियों की संख्या 38.82 लाख है। वर्ष 2025-26 के बजट में राशि ₹1276.60 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्तमान वर्ष के बजट में 30.10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। आयुष्मान भारत योजना से निजी स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिये सभी उपलब्ध संभावनाओं पर कार्य कर रही है।

सीएचसी को सशक्त कर एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) बनाये जायेगा

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य/उप स्वास्थ्य/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2025-2026 में ₹500 करोड़ बजट प्रावधान किया गया है। वर्तमान वर्ष के बजट में 53.56 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि सीएचसी को सशक्त कर एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) बनाने के प्रयास जारी हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवायें सशक्त हों, साथ ही ज़िला अस्पताल में दबाव कम हो।

स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने 35 से 40 प्रतिशत की सब्सिडी

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेश प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से नवीन निवेश संवर्धन योजना के अंतर्गत 35 से 40 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है, जिससे प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण संभव होगा।

15 अप्रैल से शव वाहन सेवा होगी प्रारंभ

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में मरीजों को निःशुल्क दवाइयाँ मुहैया कराने और निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराने का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। शासकीय अस्पतालों में मरीजों को लगभग 1000 प्रकार की दवाइयाँ तथा लगभग 300 प्रकार की जांचें निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। इस संख्या को बढ़ाने के संबंध में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 15 अप्रैल से शव वाहन सेवा प्रारंभ की जा रही है। ताकि मृत शरीर को सम्मान से गंतव्य तक भेजा जा सके। ज़िला चिकित्सालय में 2 तथा मेडिकल कॉलेज में 4 शव वाहन उपलब्ध रहेंगे। इसे आवश्यकतानुसार विस्तारित भी किया जायेगा।

सतना, रीवा, और इंदौर चिकित्सा महाविद्यालयों के उन्नयन एवं निर्माण कार्य के लिए 1500 करोड़ रुपये की स्वीकृति

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि सीएम केयर योजना में सुपर स्पेशलिटी हृदय उपचार संबंधित सेवाएँ प्रदान की जाएँगी। इसके अतिरिक्त, अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के रूप में सतना, रीवा, और इंदौर चिकित्सा महाविद्यालयों के उन्नयन एवं निर्माण कार्य के लिए राशि ₹1500 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है तथा कुल 125 नवीन स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन एवं स्थापना हेतु ₹1155.82 करोड़ पूंजीगत मद से योजनाएँ प्रारंभ की जाएँगी।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में कुल 17 शासकीय/स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय क्रियाशील हैं। वर्ष 2025-26 में 2 नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों (श्योपुर, सिंगरौली) का संचालन प्रारम्भ किया जायेगा। इसके आगामी वर्ष 6 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय प्रारम्भ किये जाएँगे। साथ ही पीपीपी मोड पर 12 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय संचालित किया जाना प्रावधानित है। आगामी वर्षों में मध्यप्रदेश में 10 हज़ार एमबीबीएस और 5 हज़ार पीजी की नवीन सीट की वृद्धि की जायेगी।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीकाकरण, क्षय नियंत्रण, सिकल सेल, मानसिक स्वास्थ्य एवं वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम सहित अन्य राष्ट्रीय योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2025-26 के बजट में इन योजनाओं के लिए लगभग ₹4,500.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश में संचारी और असंचारी रोगों की रोकथाम के साथ आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के लिये वर्ष 2025-26 में 720 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 44 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि वर्ष 2003 की तुलना में मातृ मृत्यु दर 379 से घटकर 173 हो गयी है। साथ ही शिशु मृत्यु दर 82 से सुधरकर 43 हो गई है। स्वास्थ्य मानकों में अग्रणी बनने के लिये सरकार जनहितकारी प्रावधानों और योजनाओं के माध्यम से प्रदेशवासियों को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए संकल्पित है। इन योजनाओं से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा का स्तर निरंतर ऊंचा उठेगा और आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। विधानसभा में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की 22 हज़ार 233 करोड़ 97 लाख 67 हज़ार रुपए की बजट अनुदान मांग ध्वनि मत से पारित हुई।