MP BJP: जिला अध्यक्षों के चयन में दिखेंगे नए प्रयोग, महिलाओं, SC-ST को लेकर चल रहा है भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन!

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MP BJP: जिला अध्यक्षों के चयन में दिखेंगे नए प्रयोग, महिलाओं, SC-ST को लेकर चल रहा है भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन!

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन की प्रयोगशाला के रूप में जाने और पहचाने जाने वाले मध्य प्रदेश भाजपा संगठन के चल रहे चुनावों में कई प्रयोग होने की संभावना है। इसे लेकर भी भोपाल से लेकर दिल्ली तक विचार चल रहा है। इसके चलते ही जिला अध्यक्षों के ऐलान में देरी हो रही है। हालांकि एक कारण यह भी माना जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के कुछ जिलों में जिला अध्यक्ष को लेकर यहां के क्षत्रपों के बीच में एक राय नहीं बन रही है। यहां पर एक राय बनाने को लेकर अब सीधे दिल्ली ही काम कर रहा है।

मध्य प्रदेश भाजपा संगठन में पार्टी हमेशा प्रयोग करती रहती है और बाद में देश के अन्य राज्यों में भी यह व्यवस्था लागू करती है। इसी क्रम में जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर भी किया जा रहा है। यहां पर महिलाओं के साथ ही एससी और एसटी वर्ग के लोगों को एडजस्ट करने को लेकर प्रयोग किया जा रहा है। खासकर महिलाओं को पहली बार मध्य प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा जिलों की कमान दिए जाने का प्रयोग किया जा रहा है। इस पर भोपाल में चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारियों के साथ ही प्रदेश संगठन ने काम किया। बाद में ये पूरा होमवर्क भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और पर्यवेक्षक सरोज पाण्डेय को सौंप दिया। अब इस पर दिल्ली में ये दोनों नेता काम कर रहे हैं। जिसमें महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जिलों की कमान दिए जाने का प्रयास हो रहा है। वहीं एससी और एसटी वर्ग के साथ ही ओबीसी को भी किन-किन जिलों में मौका दिया जाए, इस पर विचार हो रहा है।

इधर एक राय बनाने के चल रहे प्रयास

सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश के अधिकांश जिलों में स्थिति साफ हो गई है, इन जिलों में यह तय हो गया है कि कहां पर किसे जिला अध्यक्ष बनाना है, लेकिन ग्वालियर-चंबल के संगठन के पांच जिलों में नेताओं के बीच में एक राय नहीं बन सकी। यहां पर दो नेताओं के साथ ही क्षेत्रीय सांसद भी अपने-अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। इसमें ग्वालियर शहर और ग्रामीण दोनों भी शामिल हैं। हालांकि सभी जिलों के अध्यक्षों का ऐलान अभी नहीं किया जाएगा। कम से कम 15 से 20 जिलों को छोड़कर यह ऐलान किया जाएगा।