MP BJP’s Future : पहली बैठक में हितानंद शर्मा ने अपने कामकाज का संकेत दिया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा 'आज हमें पूत के पांव पालने में दिखाई दिए!'

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Bhopal : संगठन महामंत्री बनने के बाद हितानंद शर्मा ने अपनी पहली ही बैठक में बीजेपी संगठन की भविष्य की रणनीति का संकेत दे दिया। हितानंद शर्मा के संगठन महामंत्री बनने के बाद गुरुवार को भाजपा कार्यालय में पहली बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में संगठन महामंत्री के रूप में हितानंद शर्मा ने कई मुद्दों पर बारीकी से पूछताछ की। अपने पहले भाषण में उन्होंने प्रदेश में पार्टी के भविष्य का संकेत दिया, जिसकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तारीफ की। शिवराज सिंह चौहान ने हितानंद की खूबियां भी बताई। उन्होंने कहा कि आज हमें पूत के पांव पालने में दिखाई दिए।

भाजपा की आज की बैठक में इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हुई कि लगातार प्रवास और सम्पर्क में विश्वास रखने वाले हितानंद शर्मा ने सह संगठन महामंत्री रहते प्रदेश के 50 प्रतिशत बूथों तक प्रवास कर चुके हैं। इसलिए आने वाले दिनों में उनके काम करने की शैली और गति कैसी रहेगी, इसे आसानी से समझा जा सकता है। सुबह बिना किसी पूर्व सूचना के रोजाना 10 से 15 कार्यकर्ताओं से सहजता से मिलने जाना हितानंद शर्मा की दिनचर्या में शामिल है।पार्टी कार्यकर्ता इसके लिए भी हितानंद शर्मा को जानते हैं। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं कि गुरुवार को अपनी पहली बैठक में उनके पूछताछ के तरीके और भविष्य के कार्यक्रमों की विधिवत जानकारी देने की शैली ने यह तो स्पष्ट किया कि ‘पूत के पांव पालने’ में दिखाई दिए, जैसा कि मुख्यमंत्री ने कहा है। लेकिन, यह अलग बात है कि राजनीति के उठापटक भरे माहौल के बीच उनके कामकाज को भविष्य में कितनी सफलता मिलती है और वे अपनी योजनाओं को कितना साकार कर पाते हैं।

बीजेपी संगठन की इस बैठक में हितानंद शर्मा के प्रचारक जीवन के काम सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। हितानंद शर्मा को नए लोगों को जोड़ने और पुराने लोगों को इकट्ठा करने में महारथ हांसिल है। फ़िलहाल प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के कार्यालय नहीं हैं। ऐसे में हितानंद का संगठन महामंत्री बनना महत्वपूर्ण हो गया है। हितानंद के खाते में शिवपुरी, विदिशा, बरेली और सिरोंज के संघ कार्यालय के निर्माण का श्रेय जाता है। कहते हैं कि हितानंद शर्मा को ग्रामीण जीवन की भी व्यापक समझ है। यही कारण है कि उन्होंने ‘चलें गांव की और’ ग्राम्य जीवन अध्ययन यात्रा का आयोजन भी किया था।

हितानंद शर्मा संघ के उन कार्यकर्ताओं में हैं, जिन्होंने 1995 में संघ कार्य के लिए परिवार छोड़ दिया और अशोकनगर के विस्तारक कार्य के निकल पड़े थे। इसके बाद चंदेरी और चाचौड़ा में नगर प्रचारक रहे। 2002 में श्योपुर के जिला प्रचारक और 2007 में शिवपुरी के विभाग प्रचारक बने। 2011 में उन्हें विदिशा विभाग का प्रचारक बनाया गया। 2015 में उन्हें विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। नया काम होने के बावजूद शिशु मंदिरों के काम को विस्तार देने में हितानंद की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

उन्होंने ‘विद्या दान अभियान’ के तहत सरस्वती शिशु मंदिरों के 50 हजार पूर्व छात्रों से सम्पर्क कर कोरोना काल में एक करोड़ की राशि एकत्रित करने का भी कारनामा किया था। हितानंद शर्मा तकनीकी प्रेमी हैं, इसीलिए उन्होंने पूर्व छात्रों को एक ऐप के माध्यम से एकत्रित किया था। कोरोना की लहर के दौरान हितानंद के नेतृत्व में जिस प्रकार से सरस्वती शिशु मंदिर के संसाधनों को मरीजों की सेवा में झोंका गया, वह आज भी चर्चा का विषय है।

सरस्वती शिशु मंदिरों की सेवा के दौरान परीक्षा परिणाम में मैरिट लिस्ट का बड़ा हो जाना उनकी कर्मठता को दर्शाता है। उन्होंने सदैव ही आदर्श विद्यालय योजना पर फोकस किया और उनका बड़े पैमाने पर कम्प्यूटराइजेशन भी करवाया। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की खेल प्रतियोगिताओं में शिशु मंदिरों ने सर्वाधिक पदक जीते और उस दौर में सर्वाधिक राष्ट्रीय खिलाड़ी वाला प्रांत बना।