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विजय कुमार दास की विशेष रिपोर्ट
भोपाल: मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा तथा जोबट, रेगांव और पृथ्वीपुर विधानसभा के उपचुनाव राजनीति के टर्निंग पाइंट हैं। हालांकि मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी ने अपना पोस्टर बॉय शिवराज सिंह चौहान का चेहरा अभी बदला नहीं है, लेकिन 15 वर्षों के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के बारे में अवधारणाओं को लेकर होने वाला यह चुनाव कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह के लिए अहम चुनावी मुद्दा है। इसलिए कोरोना महामारी से सबसे बेहतर तरीके का गर्वनेंस होने के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी कांग्रेस ने शिवराज सरकार की विफलताओं को मुद्दा बनाने का ऐलान कर दिया है।
इससे बड़ा मजाक क्या होगा कि कमलनाथ कहने लगे हैं जब उनकी सरकार आएगी तब असली लोकायुक्त का गठन करेंगे मतलब लोक आयुक्त जैसे संवेधानिक संस्थाओं को भी जेबी संस्थाएं बनाने का आरोप कितना हास्यास्पद है यह सवाल अब बड़ा हो गया है।
जबकि कमलनाथ अच्छी तरह जानते हैं कांग्रेस की सरकार फिलहाल तो नहीं बन रही है। इसलिए इन सवालों का जवाब देने के लिए मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पास कमलनाथ सरकार गिराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया एक मात्र ऐसे नेता है जो कमलनाथ के हर आरोपों का जवाब पूरी दमदारी से दे सकते है।
खण्डवा, जौबट, रैगांव और पृथ्वीपुर में तमाम लोगों से बातचीत करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यदि भारतीय जनता पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया है तो पार्टी को उन्हें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में जहां उपचुनाव हो रहे है सघन प्रचार के लिए उपयोग में लाना चाहिए। खंडवा शहर में तो कई लोगों ने यह कहा ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां आएगे तो कैशरिया लहराएंगे इसमें कोई दो मत नहीं है।
जहां तक सवाल है पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र का वहां के कुछ मतदाताओं का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के आखिरी दौरे पर उस समय आए थे जब उन्होंने कमलनाथ सरकार को गिराने का प्रण लेकर कहा था कि यदि अतिथि शिक्षिकों की बात नहीं मानी गई तो वे सडक़ पर उतर आएंगे।
यू कहां जाए कि कमलनाथ सरकार को गिराने की शुरूआत पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र से ही हुई थी इसलिए सिंधिया यहां डिमांड पर है। यही स्थिति आदिवासी विधानसभा क्षेत्र जौबट की है। यहां के लोगों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार यहां आ जाए तो विधानसभा क्षेत्र भाजपा के साथ खड़े होने में एक पल भी नहीं गवाएंगे।
सिंधिया की डिमांड यदि कहीं पर नहीं है तो वह रैगांव विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव हो सकता है, लेकिन जिस अंदाज से रैगांव में विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का प्रचार चल रहा है उसके ऊपर कांउटर प्रचार के लिए सिंधिया की डिमांड आज नहीं तो कल उठेगी।
यह बात अलग है कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता मध्यप्रदेश में जितने भी है उनके बारे में कहा जाता है कि वे एक मत है कि इन उपचुनावों में सिंधिया का कम से कम उपयोग किया जाए और यही कारण है कि अभी तक चुनाव प्रचार के लिए जितने भी कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के मध्यप्रदेश मुख्यालय से तय किए गए है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रमों को लेकर कोई आधिकारिक सूचनाऐं जारी नहीं की गई है।
हालांकि चुनाव का प्रबंधन संभालने वाले नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सघन प्रचार में उतारने का प्रस्ताव रणनीतिकारों के सामने रखा है। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि खंडवा लोकसभा उपचुनाव हो या फिर रैगांव, जौबट और पृथ्वीपुर सभी स्थानों पर शिवराज सरकार को लेकर यदि उत्साह का वातावरण है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने एंटीइंकम्बेंसी फैक्टर एक बहुत बड़ी चुनौती है
जिससे पार पाने के लिए जिस नेता ने भारतीय जनता पार्टी की चौथी बार सरकार बनाई है उसका भी उपयोग करने में भाजपा की कंजूसी से कांग्रेस को फायदा मिल सकता है इसलिए यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया उपरोक्त उपचुनाव में प्रचारों के लिए डिमांड पर सबसे ज्यादा है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।