MP Cabinet Decisions: MP के 5 जिला चिकित्सालयों में बिस्तर संख्या 1000 से बढ़ाकर 1800 करने की स्वीकृति

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MP Cabinet Decisions: MP के 5 जिला चिकित्सालयों में बिस्तर संख्या 1000 से बढ़ाकर 1800 करने की स्वीकृति

जारी रहेगी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण योजना,CM डॉ यादव की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णय

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आज भोपाल मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिये गये:

वर्ष 2025-26 के लिये सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरन्तर रखे जाने कीं स्वीकृति दी गई है. योजना के तहत किसानों को 3 लाख रूपये तक का लोन दिया जाता है.वर्तमान वर्ष में 23000 करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

पाँच जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिगरौली, श्योपुर और डिंडोरी में बिस्तर संख्या 1000 से बढ़ाकर 1800 करने की स्वीकृति दी गई. कुल 810 नवीन पद (नियमित 543, संविदा 04, आउटसोर्सिंग 263) के सृजन की स्वीकृति दी गई. नवीन पदों पर वार्षिक अनुमानित व्यय 39.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई.

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के तहत प्रदेश में सतत विकास लक्ष्य (17 संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित) के क्रियान्वयन हेतू एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) मूल्यांकन योजना को आगामी पाँच वर्ष 2025-2023 तक के लिये स्वीकृति दी गई. योजना के तहत चयनित योजनाओं और परियोजनाओं का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जायेगा.

ऑनलाइन डैशबोर्ड का रखरखाव होगा. डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग अनुसार उत्कृष्ट जिलों को पुरस्कृत किया जायेगा. प्रथम जिले को एक करोड़ एवं द्वितीय जिले को 75 लाख का पुरस्कार दिया जायेगा. प्रशिक्षण और कार्यशाला के माध्यम से सुधार किया जायेगा. योजना पर 19.10 करोड़ (3.82 करोड़ प्रति वर्ष) का अनुमानित व्यय होगा.

मालथौन जिला सागर में व्यवहार न्यायालय कनिष्ठ खंड के नियमित न्यायालय की स्थापना की स्वीकृति दी गई. कुल 07 नवीन पद के सृजन की स्वीकृति दी गई है.

पुनर्घनत्वीकरण नीति 2022 की कंडिका 10.11 में संशोधन कर आफसेट मूल्य के निर्धारण में बदलाव की स्वीकृति दी गई. पहले 60% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर आफसेट मूल्य का निर्धारण होता था, अब 100% क्षेत्रफल और 100% कलेक्टर गाइडलाइन रेट पर आफसेट मूल्य का निर्धारण होगा. इससे विकास कार्यों के लिये अधिक राशि उपलब्ध होगी.