MP Cabinet Decisions: 17 सितंबर से होंगे तबादले, लाड़ली लक्ष्मी को अब 1.48 लाख

आदिवासी वर्ग के लिए स्वरोजगार योजनाओं को मंजूरी

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MP Cabinet Decisions: 17 सितंबर से होंगे तबादले, लाड़ली लक्ष्मी को अब 1.48 लाख

भोपाल: मध्यप्रदेश में अब 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले हो सकेंगे। कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने काबीना मंत्रियों को यह जानकारी दी। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत अब लाड़लियों को 25 हजार रुपए ज्यादा मिलेंगे। इसे भी आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
आदिवासियों के स्वरोजगार के लिए बिरसा मुंडा स्वरोजगार और टंटया मामा आर्थिक क्ल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष वित्त पोषण परियोजनाओं को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में तबादलों पर लगे प्रतिबंध को 17 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच हटाया जाएगा ।

लाड़ली लक्ष्मी बालिका प्रोत्साहन संशोधन विधेयक 2022 के मसौदे पर चर्चा के बाद उसे भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक लाड़ली लक्ष्मी योजना में एक लाख 18 हजार रुपए लाड़ली को दिए जाते थे। अब कॉलेज में प्रवेश के पहले साल और अंतिम साल में दो चरणों में कुल 25 हजार रुपए और दिए जाएंगे। इस तरह अब लाड़ली लक्ष्मी योजना में कुल एक लाख 48 हजार रुपए मिलेंगे। अभी तक मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना मे छटवी में प्रवेश पर दो हजार, नौवी में प्रवेश पर चार हजार और 11 वी में प्रवेश पर छह हजार तथा बारहवी में प्रवेश पर छह हजार रुपए दिए जाते है। इसके अलावा एक लाख रुपए का भुगतान 21 वर्ष की आयु पूर्ण होंने पर किये जाने का प्रावधान है। अब 25 हजार रुपए और दिए जाएंगे। इस विधेयक को भी विधानसभा में पेश किया जाएगा।

प्रदेश में होमगार्ड के जवानों को तीन साल में एक बार दो माह का सर्विस ब्रेक दिया जाएगा। अभी तक यह अवधि अलग-अलग थी। बाढ़ बचाव एवं आपदा प्रबंधन के लिये तैनात अतिरिक्त 950 स्वयंसेवी होमगार्ड सैनिकों को होमगार्ड से एसडीईआरएफ में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने का भी निर्णय लिया गया। इससे 11 करोड़ 11 लाख रुपए प्रतिवर्ष अतिरिक्त खर्च होगा।

*आदिवासी वर्ग के लिए स्वरोजगार योजनाओं को मंजूरी-*
आदिवासी वर्ग को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना के माध्यम से विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक लाख से पचास लाख रुपए और सेवा से जुड़ी गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जाएगी। इसमें बैंक द्वारा दिए गए ऋण पर पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान और बैंक ऋण गारंटी शुल्क का भुगतान सात साल तक वित्त विकास निगम करेगा। एक अन्य योजना में टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के जरिए ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य जो आयकरदाता नहीं है और जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच है उन्हें स्वरोजगार के लिए दस हजार रुपए से एक लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें सात प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और बैंक गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर पांच वर्ष के लिए दिया जाएगा।

*अनुदान योजना-*
मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना के ताध्यम से दो करोड़ रुपए अनुदान के रुप में दिए जाएंगे। इसमें स्वरोजगार, कौशल उन्नयन, नवाचार जैसी गतिविधियों के लिए पचास प्रतिशत तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को लाभन्वित किया जाएगा। इसे भी आज मंजूरी दी गई।

*आटो रिक्शा विनियमन योजना मंजूर-*
आॅटो रिक्शा विनियमन योजना 2021 लागू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई इसमें शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग परमिट जारी किए जाएंगे। इन वाहनों के रंग भी एक जैसे होंगे। सीएनजी वाहनों को टैक्स में छूट दी जाएगी। अब इन वाहनों में पटिया सीट नहीं होगी।

*नये विधेयक के मसौदे भी स्वीकृत-*
मध्यप्रदेश वेट संशोधन विधेयक, मध्यप्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक 2022, भारतीय स्टाम्प मध्यप्रदेश संशोधन विधेयक 2022 का भी कैबिनेट से अनुमोदन कराया गया। इन्हें विधानसभा में पेश किया जाएगा।

काष्ठ चिरान पर अब जेल की सजा नहीं-
काष्ठ चिरान अधिनियम में संशोधन करते हुए अब जेल की सजा हटा ली गई है। इसमें अब केवल जुर्माने की सजा होगी। इसके अलावा टाइम्स विवि का नाम शुभम विवि करने की अनुमति दी गई।