MP Cabinet Expansion : MP में 3 से 5 बार जीते MLA को मौका देने पर चर्चा, अभी 20 मंत्री बनेंगे!

CM डॉ यादव और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी दिल्ली में, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चाओं का दौर जारी

2020

MP Cabinet Expansion : MP में 3 से 5 बार जीते MLA को मौका देने पर चर्चा, अभी 20 मंत्री बनेंगे!

New Delhi : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का मंत्रिमंडल कैसा हो, इसे लेकर गुरुवार रात से लेकर आज शाम तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चाओं का दौर जारी है। यह बात सामने आई कि मंत्रिमंडल में उन नेताओं को जगह मिलने की संभावना ज्यादा है, जो 3 से 5 बार से विधायक हैं, पर उन्हें अभी तक मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। आज फिर मंत्रिमंडल को लेकर दिल्ली में फ़ाइनल मीटिंग होगी।

गुरुवार शाम मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और वीडी शर्मा दिल्ली पहुंचे। जानकार सूत्रों का कहना है कि सांसद रहते हुए विधानसभा चुनाव जीतने वाले नेता मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए जा सकते है, उन्हे प्राथमिकता दी जाएगी। सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अब राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मंत्री बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा है। इसके अलावा भाजपा संगठन लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में चेहरों का चुनाव करने में लगा है।

समीकरणों में फंसा पेंच
क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को लेकर मंत्रणा की गई। सागर और भोपाल को लेकर भी पेंच अभी फंसा हुआ है। भोपाल में विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर व विष्णु खत्री भी जगह पाने का दावा कर रहे हैं। जबकि, सागर से भूपेन्द्र सिंह, गोविंद सिंह और गोपाल भार्गव शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल में मंत्री रहे। अब नए चेहरों में शैलेन्द्र जैन व प्रदीप लारिया का नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में है। गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह ने पूरा जोर लगा दिया है। गोविंद राजपूत के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया लगे हुए है।

तीन से पांच साल वाला फार्मूला
चर्चा के मुताबिक, यदि 3 से 5 बार विधायक रहे नेताओं को मंत्री बनाने के फार्मूले को ध्यान में रखा जाता है, तो पांचवी बार नीमच से विधायक बने दिलीप सिंह परिहार को जगह मिल सकती है। चौथी बार के विधायकों में सागर से शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया (नरयावली), कुंवर सिंह टेकाम (धौहनी), विजयपाल सिंह (सोहागपुर), राजेंद्र पांडे (जावरा) हैं।

तीन बार बने विधायक
इंदौर-2 से रमेश मेंदोला, इंदौर-4 से मालिनी गौड़, मेहगांव से राकेश शुक्ला, शिवपुरी से देवेंद्र जैन, निवाड़ी से अनिल जैन, हटा से उमा खटीक, सिरमौर से दिव्यराज सिंह, बांधवगढ़ से शिवनारायण सिंह, मुड़वारा से संदीप जायसवाल, जबलपुर कैंट से अशोक रोहाणी, पनागर से सुशील तिवारी, सिवनी से दिनेश राय, भैंसदेही से महेंद्र सिंह चौहान, सिवनी मालवा से प्रेमशंकर वर्मा, पिपरिया से ठाकुरदास नागवंशी, बैरसिया से विष्णु खत्री, गोविंदपुरा से कृष्णा गौर, हुजूर से रामेश्वर शर्मा, सीहोर से सुदेश राय, देवास से गायत्री राजे पवार, खातेगांव से आशीष शर्मा, मांधाता से नारायण पटेल, धार से नीना वर्मा और रतलाम शहर से चैतन्य कश्यप। ये विधायक ऐसे हैं जिन्हे मंत्रिमंडल में एक बार भी जगह नहीं मिली।