MP: बड़े सरकारी विभागों में सब इंजीनियरों को प्रथम श्रेणी में बीई डिप्लोमा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता समाप्त

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आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

MP: बड़े सरकारी विभागों में सब इंजीनियरों को प्रथम श्रेणी में बीई डिप्लोमा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता समाप्त

भोपाल
प्रदेश के सभी बड़े सरकारी विभागों में सब इंजीनियर बनने के इच्छुक अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के प्रतिभगियों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। इन पदों के लिए होंने वाली भर्तियों में अब दूरस्थ शिक्षा से बीई का डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
प्राफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड, कर्मचारी चयन मंडल के जरिए सब इंजीनियरों की भर्तियां होती है। इन भर्तियों में अभी तक केवल पे उम्मीदवार ही पात्र होते थे जो डिप्लोमा परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करते थे। इसके चलते अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अधिकांश उम्मीदवार इस चयन परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते थे। सभी बड़े सरकारी विभागों के सेवा भर्ती नियमों में भी इसका प्रावधान था। इसलिए जब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होते है तो उसमें प्रथम श्रेणी में इंजीनियरिंग डिप्लोमा परीक्षा उत्तीर्ण होंने का उल्लेख उसमें किया जाता था।
राज्य सरकार ने सभी बड़े निर्माण विभागों से उनके सेवा भर्ती नियम बुलाए थे। उच्च स्तर पर चर्चा के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि दूरस्थ शिक्षा एवं पार्ट टाईम डिग्री कोर्स के अंतर्गत बीई अंशकालीन पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु अनुसूचित जाति, जनजाति के उपयंत्रियों को डिप्लोमा परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने की बाध्यता समाप्त कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने लोक निर्माण, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जलसंसाधन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस बदलाव को तुरंत लागू करते हुए उनके सेवा भर्ती नियमों में इनका प्रावधान करने को कहा है।