MP Cooperative Election Authority – मनीष श्रीवास्तव का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही यह पद खाली
भोपाल: प्रदेश में MP Cooperative Election Authority मनीष श्रीवास्तव का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही यह पद आठ सितंबर को खाली हो गया है। अब इस पद पर आने के लिए तीन अफसर कतार में है। अगले माह सेवानिवृत्त होने जा रहे भोपाल संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत और सहकारिता आयुक्त नरेश पाल इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे है।
पूर्व MP Cooperative Election Authority प्रभात पाराशर के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद पर नियुक्त किए गए मनीष श्रीवास्तव ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में बेहतर काम किया और कई सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराए जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका था।
हालाँकि वे प्रदेश की साढ़े चार हजार प्राथमिक सहकारी संस्थाओं और तीन दर्जन जिला सहकारी बैंक और अपेक्स बैंक तथा लघु वनोपज संघ और राज्य आवास संघ के चुनाव वे न्यायालयीन स्टे और डिफाल्टर सोसायटियों की वजह से नहीं करवा पाए। अब यह जिम्मेदारी यहां तैनात किए जाने वाले नये अफसर को निभाना होगा।
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सचिव स्तर के Retired IAS Officer को मिलेगी जिम्मेदारी
MP Cooperative Election Authority के पद पर राज्य शासन में सचिव स्तर से Retired IAS Officer की तैनाती की जाती है। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रहते हुए आईएएस प्रभात पाराशर ने अपने रिटायरमेंट से एक माह पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी तब उनकी इस पद पर तैनाती हुई थी। आईएएस मनीष श्रीवास्तव Cooperative Commissioner के पद से सेवानिवृत्त हुए थे इसलिए उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी। अब इस पद पर भी सेवानिवृत्त आईएएस की नियुक्ति की जाएगी। इस पद पर आने के लिए भोपाल संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत, सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एमके अग्रवाल, नर्मदापुरम होशंगाबाद संभागायुक्त रजनीश श्रीवास्तव और रिटायर्ड आईएएस रविकांत मिश्रा कतार में है। इनमें से किसी एक को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। हालाकि सहकारिता आयुक्त के पद पर रहते हुए नरेश पाल इस काम के हिसाब से सबसे सटीक है और उनके विभागीय अनुभव को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन उनके रिटायरमेंट में अभी काफी समय बाकी है इसलिए उन्हें यहां आने के लिए प्रभात पाराशर की तर्ज पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना होगा तभी उनकी तैनाती हो सकती है। उनके अलावा संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत भी सबसे मुफीद उम्मीदवार है और वे जल्द ही रिटायर भी होंने वाले है। तब तक सरकार इस पद को रिक्त रख सकती है।