MP Corona Positive : MP के बड़े शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा मामले,सरकार और प्रशासन चिंतित

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MP Corona Positive : MP के बड़े शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा मामले

Bhopal : मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका में सरकार और प्रशासन चिंतित है, पर सबसे ज्यादा संक्रमित भी राजधानी में निकल रहे हैं, जहाँ प्रदेश की सरकार बैठी है। भोपाल में कोरोना टेस्टिंग भी इंदौर और जबलपुर के मुकाबले कम हुई है। सारी कोशिशों के बावजूद प्रशासन अभी तक टेस्टिंग भी नहीं बढ़ा सका।

यही कारण है कि सबसे ज्यादा मामले भोपाल में ही सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल, इंदौर और जबलपुर को लेकर लगातार चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

MP Corona Positive : MP के बड़े शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा मामले

भोपाल में संक्रमितों की संख्या रोजाना ज्यादा आ रही है। पिछले 12 दिन में हर दूसरा पॉजिटिव भोपाल का आ रहा है। अब अफसर सफाई देकर कोरोना की तैयारी के अलर्ट और टेस्टिंग बढ़ाने के दावे कर रहे हैं।

पिछले 24 घंटे में 58 हजार से ज्यादा टेस्ट हुए। इनमें 5800 टेस्ट इंदौर में किए गए, जबकि 5200 जबलपुर में। इंदौर में 5 और जबलपुर में 2 मामले मिले हैं। भोपाल में सबसे ज्यादा 9 संक्रमित सामने आए और टेस्टिंग भी सबसे कम 3800 भोपाल में ही हुई।

पिछले तीन दिनों में कोरोना संक्रमितों (Corona Positive) के सबसे ज्यादा प्रकरण भोपाल में मिले। यह प्रदेश मिले के कुल मामलों का 65% है। 12 दिनों में 188 मामले सामने आए, उनमें सबसे ज्यादा 80 मामले भोपाल के हैं। एक मौत भी यहीं हुई। इन तीन जिलों में 90% तक संक्रमित मिले हैं। सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भोपाल का है।

MP Corona Positive : MP के बड़े शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा मामले

28 से 30 नवंबर के बीच में भोपाल में 65% केस मिले। एक तिहाई मामले अकेले भोपाल में हैं। प्रदेश में मिलने वाले संक्रमितों में औसतन दूसरा संक्रमित भोपाल का है। फिर भी टेस्टिंग में लापरवाही बरती जा रही। टेस्टिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं लग रहा। यही कारण है कि टेस्टिंग के मामले में भोपाल इंदौर और जबलपुर से भी पीछे हैं।

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कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में भोपाल फिलहाल इंदौर से आगे है। भोपाल में नए संक्रमित मिलने का ट्रेंड बदल गया। 28 से 30 नवंबर के बीच में भोपाल में 65% केस मिले और मध्यप्रदेश में उसकी हिस्सेदारी दुगनी हो गई। इस दौरान इंदौर में 38% केस मिले। इससे पहले 25 से 27 नवंबर के बीच इंदौर में 48% केस मिले थे। इसके पीछे टेस्टिंग और जागरूकता प्रमुख वजह रही।