जल प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम के लिए देश में MP को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला

उपराष्ट्रपति श्री धनकड़ ने नई दिल्ली में जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट को पुरस्कार प्रदान किया

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जल प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम के लिए देश में MP को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला

नई दिल्ली: भारत के उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़ ने मध्यप्रदेश राज्य को देश में जल,संरक्षण, संवर्धन और मानव जीवन के लिए जल के उपयोग में सबसे बेहतर काम करने पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया।

मध्यप्रदेश द्वारा जल के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व और अनुकरणीय कार्यों के कारण राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य” के “राष्ट्रीय जल पुरस्कार” से अलंकृत किया गया है। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन श्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से जल संसाधन एवं मत्स्य विकास तथा मछुआ कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट द्वारा पुरस्कार ग्रहण किया गया।

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जल शक्ति मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली विज्ञान भवन में आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड़ से प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और ए.सी.एस. श्री एस.एन. मिश्र ने राज्य की ओर से इस पुरस्कार को ग्रहण किया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, श्री विश्वेशवर टुडू भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

मंत्री श्री सिलावट के साथ अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, मोहनपुरा-कुंडालिया परियोजना से श्री विकास राजोरिया, श्री शुभंकर विश्वास एवं सुश्री गरिमा अग्रवाल उपस्थित रहे । इस अवसर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बताया की प्रदेश के लाडले और किसान पुत्र मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि और किसान भाईयों के लिए ऐतिहासिक काम हुए हैं। विगत 18 वर्षों में देश में सिंचाई का रकबा 7 लाख से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसे 2025 तक 65 लाख हैक्टेयर कर लिया जाएगा। जल प्रबंधन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है।

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मंत्री श्री सिलावट ने कहा की प्रदेश को यह अवार्ड जल संसाधनों के उत्कृष्ट प्रबंधन से जल क्षेत्र के समस्त भागों में विशिष्ट कार्य हेतु प्राप्त हुआ है।

सिंचाई क्षेत्र में विस्तार

गत 15 वर्षों में सिंचाई क्षेत्र में छह गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2003-04 में सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर किया गया है एवं गत तीन वर्षों में छह लाख हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षेत्र विकसित कर कई लघु मध्यम एवं वृहद परियोजना पूर्ण की गई हैं।

जल उपयोग दक्षता उन्नयन

बाँध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से जल को पहुंचाए जाने का नवाचार जोकि प्रदेश के मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजना (दो लाख पचासी हज़ार हेक्टेयर) के रूप में जल उपयोग दक्षता उन्नयन के क्षेत्र में अनुकरणीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्थापित हो चुके हैं।

जल जीवन मिशन

माननीय प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी हर घर नल के मिशन में मध्यप्रदेश द्वारा 3 वर्षों में 47 लाख घरों को अल्पावधि में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। वर्ष 2019 में केवल 13 लाख घरों तक जल पहुँचा था, जो कि आज 60 लाख से अधिक घरों में पहुँच चुका है।

जल प्रणाली का संरक्षण

पुराने जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार, भू-जल प्रबंधन, सीवेज प्रबंधन एवं जल क्षेत्र में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उच्चतम प्रयोग कर उन्नयन और जीवित किया गया। नदी कछार नियोजन एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अभियंताओं की दक्षता से चंबल तथा सिंध नदी कछार प्रबंधन योजनाओं की परिकल्पना एवं क्रियान्वयन किया गया।