MP High Court Reprimanded : सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के एक मामले में MP हाई कोर्ट को फटकारा, कहा ‘आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया!’

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MP High Court Reprimanded

MP High Court Reprimanded : सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के एक मामले में MP हाई कोर्ट को फटकारा, कहा ‘आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया!’

जानिए, वो क्या मामला था जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट नाराज हुआ!

New Delhi : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने तो अपना नया कानून बना लिया। हमें यह देखकर हैरानी हुई। आपके बनाए गए इस नए कानून का कोई कानूनी आधार भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस फैसले पर सुनवाई की, जिसमें हाई कोर्ट ने एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट का कहना था है कि आधी सजा पूरी किए बिना जमानत नहीं मिल सकती।

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सुप्रीम कोर्ट के जज अभय ओका और जस्टिस उज्जवल भुयान ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सवालों के कठघरे में खड़ा किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट में अपील सुनवाई के लिए लंबित हो और जल्दी सुनवाई के कोई आसार नहीं दिख रहे हो, तो भी सजा पाए व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि हमें यह देखकर हैरानी हुई है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपना नया कानून बना लिया, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है। हाई कोर्ट को नसीहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको मौजूदा कानून के हिसाब से काम करना चाहिए।

हाई कोर्ट का फैसला क्या था, जो नाराजगी की वजह बना

आरोपी की जेब से संदिग्ध नोट बरामद हुए, जिस कारण आरोपी जेल में बंद था। आरोपी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने अपने गुनाहों पर कोई सफाई नहीं दी, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती। आरोपी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी थी। लेकिन, 2 महीने में उसने फिर से जमानत की अर्जी दी। ऐसे में जब तक आरोपी आधी सजा नहीं काट लेता, उसे जमानत नहीं मिल सकती है। हाई कोर्ट के इस फैसले पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामूली मामले पर जमानत क्यों दी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय कई बार उच्च न्यायालयों को ऐसे मामलों में जमानत देने का निर्देश दे चुका है।

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