MP:101 अधिकारियोें-कर्मचारियों की नौकरी खतरे में

फर्जी जाति प्रमाणपत्र से कर रहे नौकरी

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MP:101 अधिकारियोें-कर्मचारियों की नौकरी खतरे में

भोपाल: मध्यप्रदेश के सरकारी महकमों में कार्यरत 101 अधिकारियों-कर्मचारियों की नौकरी संकट में चल रही है। फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी हासिल किए जाने के चलते इनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होंने के बाद इनके दस्तावेज फर्जी पाए गए तो इन्हें नौकरी से हटाने की कार्यवाही की जाएगी।

मध्यप्रदेश में फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी नौकरियां हासिल करने और शासकीय योजनाओं का लाभ लेने का गोलमाल लगातार जारी है। प्रदेश में आरक्षित वर्ग के लिए शासन द्वारा घोषित जातियों और उनसे मिलते-जुलते सरनेम का फायदा उठकर लोग फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर शासकीय नौकरियां हासिल कर रहे है। जब इस तरह के मामलों में शिकायत होती है तो सरकार इनकी जांच कर इन्हें छानबीन समिति के समक्ष रखती है।

जिला प्रशासन के अफसरों से इनके जाति प्रमाणपत्रो की जांच कराई जाती है। स्थानीय लोगों से बयान लिए जाते है। छानबीन समिति के समक्ष ये प्रकरण रखे जाते है। पुलिस अधीक्षक की जांच रिपोर्ट भी इन्हें सौपी जाती है फिर इसके आधार पर इनके मामलों का निराकरण होता है। फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर पाई गई नौकरियां समाप्त की जाती है। फिर ऐसा करने वालों पर एफअईआर दर्ज करवाकर उन्हें सजा दिलाने की कार्यवाही भी की जाती है।

मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों के सरकारी महकमों के थानों में एक जनवरी 2017 के बाद फर्जी जाति प्रमाणपत्र, अंकसूची एवं अन्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासकीय योजनाओं का लाभ लेने, शासकीय नौकरियां हासिल करने और अन्य लाभ लेने के मामलों में कुल 835 प्रकरण दर्ज किए गए है। प्रदेश में 101 अधिकारी कर्मचारी तो ऐसे है जिन्होंने जाली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली है। इस तरह के जो प्रकरण दर्ज किए गए है इनमें 231 प्रकरणों की विवेचना चल रही है। न्यायालयों में इनसे जुड़े प्रकरणें की डायरियां पेश की गई है उनकी संख्या 604 है।

ग्वालियर में सर्वाधिक मामले-
ग्वालियर में फर्जी जाति प्रमाणपत्रों से नौकरी करने वालों के 27 मामले सामने आए है। गुना में 2, शिवपुरी में चार मामले सामने आए है। विदिशा में छह मामले सामने आए है।, होशंगाबाद में में छह मामले सामने आए है।

फर्जी जाति प्रमाणपत्र के कहां कितने मामले-
मध्यप्रदेश में फर्जी जाति प्रमाणपत्र,अंकसूची एवं अन्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासकीय योजनाओं का लाभ लिए जाने, नौकरी प्राप्त करने के चलते जो प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है उनमें अकेले ग्वालियर जिले में ही 145 प्रकरण दर्ज किए गए है। शिवपुरी में चार प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है। गुना में ऐसे दस प्रकरण दर्ज किए गए है। अशोकनगर में एक, मुरैना में पांच, भिंड में 5, दतिया में तीन, इंदौर में एक , खंडवा में तीन, झाबुआ में तीन, बड़वानी और बुरहानपुर में एक-एक प्रकरण दर्ज किया गया है। मंदसौर में ऐसे 33 मामले दर्ज किए गए है। रतलाम में ऐसे पचास मामले दर्ज किए गए है।