MP New Liquor Policy : अप्रैल से अंग्रेजी शराब सस्ती होगी, घरों में चार गुना रखने की अनुमति

इंदौर और भोपाल में माइक्रो ब्रेवरीज खोलने को मंजूरी

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Bhopal : आज हुई कैबिनेट की बैठक में नई शराब नीति को मंजूरी दी गई। सरकार ने उप दुकान का प्रस्ताव तो नामंजूर कर दिया, पर शराब से जुड़े कई मसलों को मंजूरी दे दी। शिवराज कैबिनेट ने 2022-23 के लिए नई शराब नीति को मंजूरी (New Liquor Policy Approved) दे दी। इसके मुताबिक अंग्रेजी शराब सस्ती होगी। क्योंकि, सरकार ने विदेशी शराब पर एक्साइज ड्यूटी 10% से 13% तक कम करने का फैसला (Decision to Reduce Excise Duty on Foreign Liquor from 10% to 13%) किया है। इससे शराब की डिमांड बढ़ेगी और बिक्री भी बढ़ेगी। प्रदेश में अभी 2544 देशी और 1061 विदेशी शराब दुकानें हैं।                                     
प्रदेश में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू हो जाएगी। इसमें अंगूर के अलावा जामुन से भी शराब बनाने की अनुमति (Permission to Make Wine from Berries) दी गई है। इससे विदेशी शराब सस्ती होगी। कैबिनेट ने घर पर शराब रखने की सीमा भी बढ़ा दी। अब लोग पहले से चार गुना ज्यादा शराब (Four Times More Alcohol than Before) घर पर रख सकेंगे। जिस व्यक्ति की सालाना आय 1 करोड़ रु होगी, वो अपने घर में बार भी खोल सकेगा।
नई नीति में प्रावधान किया गया कि देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री अब एक ही दुकान से की जा सकेगी। प्रदेश में 11 डिस्टलरी के जिलों में सप्लाई के लिए टेंडर जारी नहीं होंगे। सभी डिस्टलरी को सभी संभागों में विदेशी शराब की तरह गोदामों में शराब रखना होगी। ठेकेदार शराब की क्वालिटी और कीमत को देखकर वहीं से अपनी दुकानों के लिए शराब खरीद सकेंगे।

होम बार लाइसेंस देने का फैसला
सरकार ने होम बार लाइसेंस (Home Bar License) देने का भी निर्णय किया है। यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर अपना बार खोल सकता है। घर में शराब रखने की लिमिट भी सरकार ने बढ़ा दी। अब वर्तमान लिमिट की 4 गुना शराब घर में रखी जा सकेगी। अभी घर में एक पेटी बीयर और 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति है। इसके अलावा अलीराजपुर और डिंडौरी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत महुआ से बनने वाली शराब लाई जा रही है। महुआ की शराब हेरिटेज नीति (Wine Heritage Policy) से ग्रामीण इलाकों की शराब को बाहर बेचने के लिए बाजार मिलेगा।

माइक्रो ब्रेवरीज को मंजूरी
मेट्रो शहरों की तरह अब मध्यप्रदेश में भी माइक्रो ब्रेवरीज को मंजूरी (Micro Breweries Approved) दी गई लेकिन, फिलहाल भोपाल और इंदौर में ही माइक्रो ब्रेवरीज बनाई जाएगी। माइक्रो ब्रेवरीज छोटी यूनिट होती हैं, जिनमें रोज 500 से 1000 लीटर शराब बनाने की क्षमता होती है। इस तरह के ​​​​​​प्लांट होटलों और बार में लगाए जा सकते हैं। इनमें फ्रेश बीयर (Low Alcohol Wine) मिल सकेगी। एयरपोर्ट पर अंग्रेजी शराब की दुकानें होंगी। शॉपिंग मॉल में काउंटर पर शराब भी मिल सकेगी।