MP News: 54 लाख की वसूली, पदावनति की सजा के खिलाफ कोर्ट गया इंजीनियर, सरकार ने रिटायरमेंट पर भुगतान रोके
भोपाल. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में गड़बड़ी के दोषी बड़वानी में पदस्थ रहे तत्कालीन उपयंत्री सतीश राणे को अनियतिताओं के लिए दोषी पाए जाने के बाद शासकीय क्षति के 54 लाख 32 हजार 843 रुपए की वसूली किए जाने और उपयंत्री के निम्नतर समयमान वेतनमान में पदावनत किए जाने की सजा के खिलाफ कोर्ट जाना भारी पड़ गया। वे रिटायर हो चुके है लेकिन सरकार ने उनके सेवानिवृत्ति पर दिए जाने वाले भुगतान रोक दिए है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बड़वानी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कराए गए कामों में भारी अनियमिताएं मिली थी। जांच के बाद इसके लिए दोषी पाए गए तत्कालीन उपयंत्री सतीश राणे से शासकीय नुकसान की भरपाई के लिए 54 लाख 32 हजार 843 रुपए की वसूली किए जाने और उपयंत्री के निम्नतर वेतनमान में अवनत किए जाने की सजा दी गई थी। इस आदेश के खिलाफ सतीश राणे ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने जुलाई 2017 में इस सजा पर स्थगन आदेश जारी किया था।
स्थगन वेकेट कराने के लिए राज्य शासन की ओर से कार्यवाही की जा रही है लेकिन स्थगन वेकेट नहीं होंने के कारण वसूली की कार्यवाही अभी लंबित है। इस बीच राणे सेवानिवृत्त हो गए। वसूली न हो पाने के कारण राज्य सरकार ने सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मिलने वाले अवकाश नगदीकरण, उपादान राशि और सातवे वेतनमान का भुगतान रोक दिया है। इसके खिलाफ भी राणे हाई कोर्ट गए थे। कोर्ट ने तीन माह में प्रकरण का सुनवाई के बाद निराकरण करने को कहा।
शासकीय अधिवक्ता के अभिमत पर सतीश राणे के अभ्यावेदन का परीक्षण किया गया और यह निर्णय लिया गया कि जब तक सजा के खिलाफ कोर्ट में गए राणे के मामले पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक उनके लंबित स्वत्वों का भुगतान किया जाना संभव नहीं है। उनका अभ्यावेदन रिजेक्ट कर दिया गया है।