MP News: पुलिस की गलत विवेचना से न्यायालय से दोषमुक्त हो गए नाबालिग बच्ची से रेप के आरोपी

DGP को दिए दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश

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सनसनीखेज अपराधों में पुलिस और वकीलों की कमजोर कार्यवाहियों से आरोपियों के दोषमुक्त होंने पर अब सरकार सख्त

Bhopal: प्रदेश में चिन्हित और सनसनीखेज अपराधों में पुलिस और वकीलों की कमजोर कार्यवाहियों से आरोपियों के दोषमुक्त होंने पर अब सरकार सख्त हो गई है। बालाघाट जिले के कोतवाली थानांतर्गत दो छोटी बच्चियों के साथ रेप के आरोपी पुलिस की गलत विवेचना के कारण न्यायालय से दोषमुक्त हो गए।

आरोपियों को बचाने के लिए पीड़िता के जप्त किए गए वस्त्र भी बदल दिए गए। पेटलावद विस्फोट के मामले में भी आरोपियों के दोषमुक्त होंने में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। राज्य सरकार ने पुलिस की इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है।

अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और संचालक लोक अभियोजन को पत्र लिखकर दोषी पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने को कहा है।

अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने हर माह सनसनीखेज और चिन्हित अपराधों में दोषमुक्ति के दस मामलों की हर माह समीक्षा करने की शुरुआत की है। दो मामलों में आरोपियों के दोषमुक्त होंने में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने डीजीपी से कहा है कि इन मामलों की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी अधिकारियों ,कर्मचारियों पर युक्तियुक्त अनुशासनात्मक कार्यवाही कर उन्हें पंद्रह दिन में अवगत कराए।

पुलिस की लापरवाही से इस तरह बच गए आरोपी-
केस एक-
बालाघाट जिले के कोतवाली थानातंर्गत पुलिस की गलत विवेचना की वजह से चार साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कृत्य करने के आरोपी न्यायालय से दोषमुक्त हो गए। न्यायालय ने पाया है कि बच्ची न्यायालय में और धारा 164 के कथन के समय मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान नहीं दे पा रही है। ऐसे में पुलिस ने उसका कथन कैसे दर्ज कर लिया। इसके अलावा प्रकरण में जब्ती भी बदला जाना प्रगट हुआ है।

केस दो-
झाबुआ के पेटलावद थाने में 12 सितंबर 2015 को दर्ज मामले में राजेन्द्र कासवा नाम के व्यक्ति के गोदाम में अवैध रुप से रखी गई विस्फोटक सामग्री में विस्फोट हो जाने से 78 व्यक्तियों की मौत हो गईथी। लगभग 80 घायल हुए थे। इस प्रकरण में अतरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबुआ सीमा अलावा की अगुवाई में एसआईटी गठित हुई। प्रकरण में आरोपी धमेन्द्र सिंह राठौर के विरुद्ध चालान पेश नहीं हो पाया। जबकि मुख्य आरोपी यह है कि इन्होंने अवैध रुप से कासवा को विस्फोटक आपूर्ति की।

केस तीन- थाना भीकनगांव जिला खरगौन में मृत्क की हत्या और उसके पुत्र सुरेश ने की थी। मृतक शराब पीकर गाली गलौच करता था जिस पर क्रोध ममें आकर आरोपी ने अपने पिता की हत्या कर दी। प्रकरण में सभी साक्ष्य पक्षविरोधी हो गए। न्यायालय के अनुसार एफएसएल को भेजा गया ड्रॉफट दोषपूर्ण था प्रकरण में स्वतंत्र वैज्ञानिक साक्ष्य संग्रह नहीं किया गया।

केस चार- शाहपुर थाना रीवा के मामले मं चार आरोपियों में से दो फरार आरोपी जो आपस में रिश्ते दार है। उनके घर तलाशी लेने गई पुलिस टीम में शामिल दो डीएसपी, दो इंस्पेक्टर और अन्य स्टाफ के साथ मारपीट की गई और आरोपी फरार हो गए। न्यायालय ने विचेचना में खामियों को बताते हुएसभी आरोपियों को बरी कर दिया।

न्यायालय ने यह भी कहा जब एक आरोपी से कट्टा का परीक्षण नहीं करया तथ दो आरोपी कैसे घायल हुए इसका भी कोई रिकार्ड नहीं है। दो आरोपी आज तक फरार है। आरोपी स्वयं अस्पताल कैसे पहुुचे इसका भी कोई रिकार्ड नहीं है। कई पुलिस साक्षी ये नहीं बता पाए कि घटनाक्रम क्या था । इस प्रकार से वे एक प्रकार से पक्ष विरोधी कथन दिए गए।