भोपाल
प्रदेश के सरकारी महकमों में काफी कछुआ चाल से काम हो रहा है। इसके चलते लोकायुक्त छापों और एसटीएफ जांच के बाद भ्रष्टाचार और आपराधिक प्रकरणों में निलंबित सात अफसरों को बहाल करने का निर्णय लिया गया है।
मध्यप्रदेश में जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ सात अफसरों को लोकायुक्त पुलिस और एसटीएफ ने भ्रष्टाचार की शिकायत और आपराधिक मामलों में दोषी पाया था। सिविल सेवा आचरण नियमों के विपरीत आचरण करने के चलते इन सभी को लोकायुक्त और एसटीएफ की कार्यवाही के बाद निलंबित किया गया था। इनके विरुद्ध चालान भी प्रस्तुत किए गए थे। निलंबित अफसरों के निलंबन के बाद एक साल से भी अधिक समय हो चुका है। विभाग के अफसर इन निलंबित अफसरों को आरोप पत्र सौंपने के बाद इनकी जांच पूरी नहीं कर पाया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक साल से अधिक अवधि से निलंबित अफसरों के मामलों की समीक्षा के लिए गठित समिति ने इन सभी शासकीय अधिकारियों को बहाल करने की अनुशंसा की है। बहाली के बाद भी इन अफसरों को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार नहीं दिए जाएंगे। समिति की अनुशंसा के बाद आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने इन सभी अफसरों को बहाल कर नई पोस्टिंग प्रदान कर दी है.
भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त पुलिस और आपराधिक मामलों में एसटीएफ की जांच के बाद जिन अफसरों को निलंबित किया गया था उनमें 27 जून 2017 को निलंबित किए गए विकासखंड शिक्षा अधिकारी(मूल पद प्राचार्य शासकीय उमावि टांडा जिला धार)को बहाली के बाद सहायक संचालक जिला कार्यालय बड़वानी में सहायक आयुक्त बनाया गया है। 24 अक्टूबर 2016 को इंदौर के जनजातीय कार्य विभाग में मंडल संयोजक पद से निलंबित हुए मनोहर सिंह चौहान को बहाल करते हुए सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला रतलाम में पदस्थ किया गया है।चौदह दिसंबर 2018 में निलंबित की गई सहायक आयुक्त शकुंतला डामोर को बहाली के बाद आयुक्त अनुसूचित जाति विकास भोपाल के कार्यालय में सहायक नियोजन अधिकारी बनाया गया है।
15 मार्च 2018 को निलंबित किए गए सहायक संचालक कमलेश अवस्थी(मूल पद व्याख्याता) को सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला मंडला में शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी सौपी गई है। सागर जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के पद से 13 जून 2019 को निलंबित किए गए केके सूर्येश को होशंगाबाद में सहायक आयुक्त जनजातलीय कार्य के कार्यालय में शैक्षणिक कार्य हेतु पदस्थ किया गया है।
बिछुआ में तत्कालीन विकासखंड समन्वयक (मूल पद वरिष्ठ अध्यापक) के पद से 12 सितंबर 2014 को निलंबित किए गए दिलीप डाले को सिवनी में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य के यहां शैक्षणिक काम हेतु पदस्थ किया गया है।
अलीराजपुर के विकासखंड भाभरा में प्राचार्य एवं खंड शिक्षा अधिकारी जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ सतीश कुमार सिंह को 8 फरवरी 2019 को निलंबित किया गया था। बहाली के बाद उन्हें सहायक संचालक शिक्षा कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला धार के पद पर पदस्थ किया गया है। इन सभी अधिकारियों की निलंबन अवधि का निराकरण उनके विरुद्ध न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण में निर्णय पारित किए जाने वाले अंतिम निर्णय के हिसाब से अलग से किया जाएगा।