MP News: बदली नीति, अनाज भंडारण में अब सरकारी गोदामों को प्राथमिकता

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MP News: बदली नीति, अनाज भंडारण में अब सरकारी गोदामों को प्राथमिकता

भोपाल: राज्य सरकार ने उपार्जित अनाज के भंडारण के लिए नीति में बदलाव किया है। अब पहले शासकीय गोदामों को प्राथमिकता दी जाएगी।  इसके बाद निजी गोदामों में अनाज रखा जाएगा। इसमें भी जिन निजी गोदामों के पास वे ब्रिज की सुविधा है दूसरे नंबर पर वहां के गोदामों में अनाज रखा जाएगा।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने उपार्जित अनाज के भंडारण के लिए नये नियम जारी कर दिए है। इस कड़ी में अब मूंग उपार्जन एवं भंडारण के लिए नये नियमों का पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री को शिकायत मिली थी कि भंडारण के लिए वेयरहाउस के चयन में अनियमितताएं की जाती है। इसके बाद भंडारण के कामों में पारदर्शिता के लिए ये नियम जारी किए गए है। मूंग उपार्जन और भंडारण के लिए सबसे पहले भंडारण और उपार्जन शासकीय गोदाम में किया जाएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक और जिला प्रबंधक एमपी डब्ल्यूएलसी शासकीय गोदामों में उपलब्ध भंडाण क्षमता की प्रमाणीकृत जानकारी जिला कलेक्टर को उपलब्ध कराएंगे।

शासकीय गोदामों में अनुमानित उपार्जन के लिए पर्याप्त भंडारण क्षमता न होंने की स्थिति में शेष भंडारण आवश्यकता के लिए उपार्जन एवं भंडारण एमपी डब्ल्यूएलसी से अनुंबंधित  निजी गोदामों में किया जाएगा। अनुबंधित निजी गोदामों के चयन के लिए भी प्राथमिकता तय की गई है। सबसे पहले उन निजी गोदामों में भंडारण होगा जिनके परिसर में वे ब्रिज की सुविधा उपलब्ध है। दूसरी प्राथमिकता उन निजी गोदामों को दी जाएगी जिनकी चार किलोमीटर की परिधि में वे ब्रिज उपलब्ध है। तीसरी प्राथमिकता उन निजी गोदामों को मिलेगी जो  मुख्य राष्टÑीय या राज्य और जिला मार्ग पर स्थित है। इसके बाद भी पर्याप्त भंडारण क्षमता उपलब्ध नहीं होंने पर अन्य निजी गोदामों में भंडारण होगा।

जहां दो या अधिक निजी अनुबंधित गोदाम प्राथमिकता क्रम में समान स्थिति मे हो तो फिर उस गोदाम को पहले लिया जाएगा जो पीएमएस का कार्य एमपी डब्ल्यूएलसी या एमपी डब्ल्यूएलसी  द्वारा अनुबंधित एजेंसी को सौपने के लिए लिखित सहमति प्रस्तमुत करे। ऐसी सहमति के दो मामले एक साथ आने पर पहले लाइसेंस लेने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।

चयनित गोदामों की सूची में कलेक्टर रेंडम जांच कर सकेंगे। यह सूची वेबसाईट के साथ संबंधित कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा की जाएगी। प्राथमिकता क्रम में किसी गोदाम संचालक द्वारा चयन में आपत्ति दर्ज कराए जाने पर इसका निराकरण एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा।