MP News: स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय घोटाले और गबन की रिपोर्ट लेंगे CM शिवराज

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Strict Action by CM Shivraj

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश में ग्रामीण विकास में होने वाली अनियमितताओं की रिपोर्ट कलेक्टरों से लेंगे। इसमें खासतौर पर शौचालय निर्माण में किए जाने वाले फर्जी राशि आहरण और विकास कार्यो के लिए दी जाने वाली राशि के दुरुपयोग और गबन के मामलों पर सीएम जानकारी लेंगे। इसके लिए 3 मार्च को होने वाले समाधान आन लाइन कार्यक्रम के पहले शिकायतों के निराकरण की रिपोर्ट भेजने के लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 में हुए पंचायत चुनाव के बाद से लेकर अब तक प्रदेश की पंचायतों के सरपंचों और सचिवों पर करप्शन और अन्य तरह की अनियमितताओं की चार हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक 2774 मामले पंचायतों की राशि का गबन करने और अतिरिक्त राशि निकासी को लेकर हैं। शासन के पास मौजूद रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में पंचायतों में सरपंचों के विरुद्ध धारा 40 में दर्ज केस संख्या 478 हैं जिसमें से 27 का निराकरण हो चुका है और 451 मामले अभी भी लंबित हैं। इसी तरह सरपंच और सचिव द्वारा किए गए गबन और अधिक आहरण पर कार्यवाही के लिए तय पंचायत राज अधिनियम की धारा 92 के अंतर्गत कुल दर्ज प्रकरण संख्या 2774 है और इसमें से 222 का निपटारा हो चुका है। इन केस में 2552 अभी पेंडिंग हैं।

ऐसी पंचायतें जिसमें सरपंच और सचिव पर गबन और फर्जी राशि आहरण दोनों ही तरह के मामले दर्ज हैं, उनके केस की संख्या 822 है और इसमें से 804 निराकृत हो चुके हैं जबकि 18 मामलों में अभी कार्यवाही किया जाना बाकी है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के गलत आहरण को लेकर भी जिलों में दर्ज शिकायतों की रिपोर्ट कलेक्टरों से तलब की गई है।

क्या है धारा 40 और 92 का उपयोग

मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 में पंचायत पदाधिकारियों को हटाए जाने तथा धारा 92 के तहत पंचायत के अभिलेख एवं वस्तुओं को वापस कराने तथा धन वसूल करने का अधिकार है। धारा 92 के अंतर्गत शासकीय राशि गबन करने या अतिरिक्त रकम निकालने पर वसूली की कार्रवाई होती है।