MP News: कलेक्टर ने जीता आदिवासियों का दिल,आजादी के 70 साल बाद दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र में लगाई जन चौपाल

आदिवासियों को मिलेगी शासन की सभी योजनाओं का लाभ

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छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट                         छतरपुर: जिले से 100 किमी दूर किशनगढ़ क्षेत्र आदिवासी बाहुल क्षेत्र है। इस क्षेत्र में आदिवासियों का वर्षों से शोषण होता रहा है और इन आदिवासियों को शासन से मिलने वाली सभी योजनाओं को दबंग लोगों ने अपने कब्जे में कर रखा है जिसके चलते अधिकांश शासकीय योजनाओं का लाभ इस क्षेत्र की गरीब जनता को नहीं मिल पा रहा था।

छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर ने आजादी के 70 साल के बाद पहली बार आदिवासी क्षेत्र में रात्रि की जनचौपाल लगाई और जिले भर के अधिकारियों को इस क्षेत्र में अपने साथ घुमाया। ताकि वे शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू हो सकें।

कलेक्टर ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा व आदिवासियों को मिलने वाली सभी शासकीय योजनाओं को लाभ दिलाने क लिए यहां पर 27 अप्रैल एवं 30 अप्रैल को शिविर लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

●जिले भर के अधिकारी इस शिविर में पहुंचेंगे..

कलेक्टर संदीप जी आर ने बताया कि किशनगढ़ क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांवों का उन्होंने दौरा किया और रात्रि की जनचौपाल लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना। इस क्षेत्र में स्कूलों में गणित एवं विज्ञान के शिक्षकों की कमी है जिसके चलते यहां पर पढऩे वाले अधिकांश बच्चे आर्ट विषय लिए हुए हैं। आदिवासी क्षेत्र में पानी की किल्लत अधिक है जिसके निदान के लिए इस क्षेत्र में पानी की व्यवस्था की जा रही है और क्षेत्र में नवीन तालाब निर्माण कार्य भी कराए जा रहे हैं। जिससे आदिवासियों को क्षेत्र में पर्याप्त रोजगार उपलब्ध होगा एवं उन्हें क्षेत्र से पलायन नहीं करना पड़ेगा।

कलेक्टर ने बताया कि इस क्षेत्र में जननी एक्सप्रेस की सुविधा अच्छी है और ग्रामीण क्षेत्रों से आदिवासियों को ले जाने के लिए वाहन समय पर पहुंचते हैं। खासतौर से डिलेवरी वाली महिलाओं के लिए यह सुविधा है जो कि क्षेत्र में संतोषजनक है। कई गांवों में पटवारियों के द्वारा नहीं जाने पर उनको शोकाज नोटिस जारी किए गए हैं। कई स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्र बंद रहने की शिकायत भी क्षेत्र में मिली है। जिसमें संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह मौके पर जाकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न हीं जाएगा।

आदिवासियों ने कलेक्टर को बताया कि उनके पशुओं को वन विभाग के द्वारा पकड़ा जाता है जिसके कारण उन्हें परेशान होना पड़ता है जबकि अधिकांश क्षेत्र गांव से लगा हुआ वन विभाग का है। जहां कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि वन विभाग के अधिकारी आदिवासियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेँ।

कलेक्टर के द्वारा आदिवासी क्षेत्र में किए गए तूफानी दौरे से पूरे जिले में हडकंप मचा हुआ है। वर्षों से इन आदिवासियों ने अपने जिले के कलेक्टर को नहीं देखा। अपने बीच पाकर कलेक्टर को आदिवासी काफी प्रफल्लित हुए और उन्हें यह उम्मीद जगी है कि कोई न कोई सुनने वाला कलेक्टर आया है।

●शिविर में आदिवासियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा..

कलेक्टर ने आदिवासियों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए भी जागरुकता का अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं ताकि आदिवासी गुटखा व शराब का सेवन न करें। कलेक्टर ने कहा कि इस क्षेत्र में गरीबी बहुत अधिक है इस क्षेत्र में काम करने की भी बहुत अधिक आवश्यकता है।

फिलहाल छतरपुर कलेक्टर आदिवासी क्षेत्र में दौरा कर आदिवासियों का दिल जीत लिया है।