MP News: तैयार हो रही राज्य प्रशासनिक अफसरों की करप्शन कुंडली

968
6th pay scale

भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा, राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक और पटवारी तथा राजस्व कर्मचारी के रूप कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों की करप्शन कुंडली तैयार करा रही है। इसके लिए राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि करप्ट अफसरों के बारे में पूरी जानकारी भेजी जाए। इनके विरुद्ध दर्ज अपराधों के साथ करप्शन के मामले में मिली सजा और बहाली की रिपोर्ट भी जिलों से मांगी गई है।

राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टरों को भेजे पत्र में कहा गया है कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध करप्शन के मामले एक जनवरी 2018 के बाद की स्थिति में भेजना है। विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत आने वाले अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर के साथ इसी कैडर के रूप में काम करने वाले राजस्व अनुविभागीय अधिकारी, के अलावा तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी और राजस्व विभाग के अंतर्गत जिला, तहसील और संभागीय मुख्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के बारे में जानकारी भेजी जाए। ऐसे अफसरों, कर्मचारियों के विरुद्ध लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू जैसी जांच एजेंसियों के अलावा थानों में या अन्य किसी जांच एजेंसी के पास दर्ज भ्रष्टाचार के मामले की रिपोर्ट शासन ने मांगी है।

अपराध क्रमांक, धारा, विभागीय जांच की स्थिति भी भेजें
कलेक्टरों से कहा गया है कि इन अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में अलग-अलग जांच एजेंसियों द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक, धारा के साथ अपराध की स्थिति की जानकारी भेजना है। इसके साथ ही जिन अफसरों के विरुद्ध विभागीय जांच इस अवधि में हुई है, उसकी जांच की स्थिति और प्रतिवेदन भी देना है। इतना ही नहीं जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध जांच नस्तीबद्ध हो गई है, उसकी भी रिपोर्ट शासन ने कलेक्टरों से मांगी है।

लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में सबसे अधिक केस
विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले तीन-चार सालों में राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध सबसे अधिक करप्शन के मामले लोकायुक्त पुलिस संगठन ने दर्ज किए हैं। इन्हें करप्शन के मामले में रिश्वत लेते हुए ट्रेप करने की कार्यवाही अधिकाधिक हुई है। इसके अलावा कुछ मामले ईओडब्ल्यू और पुलिस थानों में भी दर्ज हैं जिसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भू माफिया से मिलकर किया है।


Read More… 16 Mayoral Elections : सभी 16 महापौर पदों पर कड़े मुकाबले, बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती! 


बुरहानपुर का दिशा माधवानी करेक्शन कांड सर्वाधिक चर्चा में पिछले 4 सालों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के छापे और ट्रेप में पकड़े जाने के मामलों के अलावा प्रदेश का सबसे चर्चित करप्शन मामला बुरहानपुर का तालाब घोटाला था। नेपानगर तहसील के 1 गांव के तालाब को निजी करने के मामले में वहां राजस्व अनुविभागीय अधिकारी रही डिप्टी कलेक्टर निशा माधवानी इन दिनों सस्पेंड है। उनका मुख्यालय अलीराजपुर बनाया गया है इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद 42लाख का घोटाला पकड़ा था जिसे दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अंजाम दिया गया था। इस करप्शन के मामले में 9 आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज हुआ है। सस्पेंड किए जाने के दौरान दिशा झाबुआ में पदस्थ रही थी। इसके साथ ही इंदौर उज्जैन जबलपुर ग्वालियर भोपाल समेत अन्य शहरों के कुछ अफसरों के विरुद्ध माइनिंग माफिया और कॉलोनी विकसित करने के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफिया व बिल्डरों से मिलीभगत के मामले में भी जांच चल रही है ।इसके अलावा पिछले सालों में डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार केडर के अफसर लाखों रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं.