MP News: जितने दाम उतनी बिजली, MP में लगेंगे Prepaid Meter, टेंडर इसी माह

बिजली लॉस वाले इलाकों में पहले होगी शुरुआत

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भोपाल:  मध्यप्रदेश में अभी तक बिजली उपयोग करने के बाद उसका भुगतान करना पड़ता है। अब इसका उलटा होंने जा रहा है याने पहले भुगतान फिर बिजली उपयोग। आप जितना भुगतान एडवांस में करेंगे उतनी ही बिजली का उपयोग कर पाएंगे। इसके लिए सरकार अब बिजली बिल के लिए प्रीपेड भुगतान की व्यवस्था करने जा रही है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर मध्यप्रदेश में यह कवायद शुरु होंने जा रही है। इसके लिए मौजूदा बिजली के मीटर भी बदले जाएंगे। इसके लिए टेंडर तैयार है और इसी माह ये टेंडर जारी हो जाएंगे।
केद्र सरकार ने राज्यों को घरेलु उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए है। इस पर मध्यप्रदेश के उर्जा विभाग ने कवायद शुरु कर दी है। यह नई तकनीक मध्यप्रदेश में पहली बार उपयोग की जाएगी। पुराने मीटर हटाकर उनके स्थान पर नये मीटर लगाए जाएंगे। इन मीटरों में चिप लगाई जाएगी। प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह यह चिप भी काम करेगी। इसे इलेक्ट्रानिक रुप से सर्वर से जोड़ा जाएगा। पेमेंट गेटवे का उपयोग कर आमजन अपनी हर माह की खपत के लिए पूर्व से भुगतान करेगा। इसका पूरा ब्यौरा इस मीटर की चिप में मौजूद रहेगा। जैसे-जैसे आपकी बिजली खपत होगी पूर्व से जमा राशि में से आटोमेटिक राशि कटती जाएगी। जैसे ही आपके द्वारा भुगतान की गई राशि समाप्त होगी आपकी बिजली अपने आप बंद हो जाएगी।
प्रीपेड मोबाइल की तरह आपके मीटर में यह व्यवस्था भी होगी कि वह आपको न्यूनतम शेष रहने पर सूचित करेगा कि आप अपना प्रीपेड बिजली किराया रिन्यू करा लें वर्ना आपकी बिजली बंद कर दी जाएगी। यदि महीने के आखिरी दिनों में आपकी प्रीपेड भुगतान राशि समाप्त होती है तो आपको यह सुविधा भी दी जाएगी कि उस माह तक आपकी बिजली निर्बाध जारी रहे लेकिन अगले माह यह बिजली बिना पूर्व भुगतान के शुरु नही होगी।
लाइन लास वाले क्षेत्रों में पहले मीटर-
 इसके लिए मौजूदा मीटरों को बदला जाएगा। जिन क्षेत्रों में बिजली की चोरी और लीकेजेस ज्यादा है। बिजली कंपनियों को जिन क्षेत्रों में ज्यादा बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है उन क्षेत्रों में ये मीटर पहले लगाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश के मीटर फिर से बदले जाएंगे। उनके स्थान पर नये स्मार्ट मीटर लेंगे। नई तकनीक वाले मीटरों की सप्लाई के लिए उर्जा विभाग नने टेंडर तैयार कर लिया है। एक माह में इसके टेंडर जारी हो जाएंगे और तीन माह के अंदर इन टेंडरों को अंतिम रुप देकर मीटर लगाने वाली कंपनी तय कर दी जाएगी। एक वर्ष के भीतर ये नये मीटर जगह-जगह काम करना शुरु कर देंगे।
यह होगा फायदा-इससे भारी-भरकम बिल आने पर उपभोक्ता द्वारा भुगतान नहीं करने की समस्या से निजात मिलेगी। सरकारी खजाने में पहले से राशि आ जाएगी। बिजली कंपनियों का नुकसान कम होगा। उपभोक्ता को भी अपने प्रीपेड भुगतान के आधार पर बिजली का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। उसे खपत के आधार पर सूचना भी मिलेगी जिससे वे बिजली का संतुलित उपयोग कर सकेंगे। कहीं से भी घर बैठे-बैठे इन प्रीपेड बिलों का भुगतान मोबाइल से, आॅनलाईन कियोस्क के जरिए किया जा सकेगा।
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