भोपाल: प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं को राज्य सरकार पुलिस और आर्मी की भर्तियों के लिए नि:शुल्क ट्रेनिंग देगी वहीं अनारक्षित वर्ग के युवाओं को काफी रियायती शुल्क पर यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस साल से यह प्रशिक्षण शुरु होगा और प्रदेश में पंद्रह प्रशिक्षण केन्द्रों पर तीन हजार युवाओं को एक साथ ट्रेंड किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं को सरकार पुलिस और आर्मी में भर्ती के लिए मुफ्त ट्रेनिंग देगी। इसी कड़ी में यह प्रशिक्षण शुरु किया जा रहा है। पुलिस के सागर, भौरी, तिगरा,इंदौर, उज्जैन, भोपाल, रीवा, पचमढ़ी,सागर, उमरिया, जबलपुर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर स्थित पंद्रह पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों पर यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने मंत्रालय में इस प्रशिक्षण व्यवस्था की तैयारियों को लेकर गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय के अफसरों की बैठक भी ली। यह प्रशिक्षण सभी पंद्रह पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों पर एक जून से शुरु हो जाएगा।
दो माह का होगा प्रशिक्षण-
प्रदेश के युवाओं को दो माह का प्रशिक्षण इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर दिया जाएगा। इसमें लिखित परीक्षा और फिजिकल टेस्ट दोनो के लिए युवाओं को तैयार किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए आर्मी के सेवानिवृत्त अफसरों, रिटायर्ड आईपीएस और राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की मदद ली जाएगी। इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के साथ ही युवाओं को मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में पुलिस और आर्मी की भर्तियों में आवेदन भी करवाया जाएगा । ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले युवाओं को यह बताया जाएगा कि किस तरह के सवाल पुलिस और आर्मी की भर्ती के लिए पूछे जाते है।
फिजिकल टेस्ट के लिए वे कैसे तैयारी करे यह सब इस प्रशिक्षण के दौरान बताया जाएगा। प्रशिक्षण केन्द्रो पर ही युवाओं के रहने और खाने का प्रबंध भी किया जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण नि:शुल्क होगा जबकि अनारक्षित वर्ग के युवाओं को काफी रियायती दरों पर यह प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को भी गेस्ट लेक्चर के लिए आमंत्रित किया जाएगा। प्रशिक्षण पाने के बाद मध्यप्रदेश से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं की पुलिस और आर्मी में रोजगार की राह प्रशस्त होगी।