भोपाल।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि मंत्रियों की सलामी बंद करा दी है। अब अफसरों के घरों पर गुलामी नहीं चलना चाहिए।
मध्य प्रदेश के खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि मंत्रियों की सलामी बंद करा दी है, अब अफसरों के घर की गुलामी नहीं चलना चाहिए। जितनी पात्रता है उतने ही कर्मचारी अफसरों के घर की ड्यूटी में तैनात रहें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिन अधिकारियों के यहां पुलिसकर्मी और सरकारी कर्मचारी तैनात हैं, उनकी संख्या कम कर दी जाए। उन लोगों को जनहित में उपयोग किया जाना चाहिए। अधिकारियों को जितनी पात्रता है, उतने ही लोगों की घर पर सेवाएं लें। चौहान ने कहा कि उन्होंने मंत्रियों की सलामी बंद करा दी है तो अब अफसरों के घरों पर भी गुलामी नहीं चलना चाहिए। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना, एडीजी इंटेलीजेंस सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
इंटेलीजेंस सिस्टम को मजबूत करने का प्लान मांगा
मुख्यमंत्री चौहान ने इंटेलीजेंस सिस्टम की मजबूती की बात कही और एडीजी इंटेलीजेंस से इसकी मजबूती का प्लान मांगा है। सीएम ने एडीजी इंटेलीजेंस को उनकी ड्यूटी याद दिलाई और कहा कि उनकी प्रदेश में शांति बनी रहे, यह ड्यूटी है। दंगाइयों पर कार्रवाई जारी रखने के निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि सरकार की जमीन पर कब्जा करने वाले दंगाइयों व माफिया से भूमि मुक्त कराई जाए। 21000 एकड़ सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया है और इसे गरीबों को बांटा जाएगा।