MP News: छात्रा ने जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने काटी हाथ की नस, कालेज फीस माफ करने लगाई थी गुहार
*छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट*
छतरपुर: जनसुनवाई में न्याय मांगने आई कालेज छात्रा ने भरी जनसुनवाई में कलेक्टर और SDM के सामने ही अपने हाथ की नस काटने का मामला सामने आया है। जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।
●जनसुनवाई में अपने नाखूनों ने नस काटी..
मामला छतरपुर जिला पंचायत में चल रही कलेक्टर की जनसुनवाई का है जहां 23 साल की युवती कालेज छात्रा कॉलेज की फीस माफ कराने के लिए और अपने भरण-पोषण के लिए जनसुनवाई में आवेदन लेकर आई थी जहां उसे संतुष्टि पूर्ण जवाब और न्याय न मिलने पर उसने कलेक्टर के सामने ही भरी सभा में अपने हाथ की नस काट ली।
●पारिवारिक विवरण और जानकारी..
अस्पताल में भर्ती घायल छात्रा 23 वर्षीय सविता दुबे ने बताया कि वह 6 बहनें 1 भाई हैं। पिता नरेंद्र दुबे कृषि विभाग में REAO के पद पर पदस्थ थे। जिनकी 14 जुलाई 2019 को मृत्यु हो गई है। पिताजी के रहते हुए मेरी 3 बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। माँ अपने 26 वर्षीय बेटे के साथ अलग रहती हैं। उन्हें अपने बेटे भर से प्यार है अपनी सगी लड़कियों से नहीं, पिताजी की सर्विस में नॉमिनी माँ ही थीं तो नोकरी/बीमा का सारा पैसा माँ को ही मिला है और पेंशन भी माँ को ही मिलती है।हम लोगों को 1 पैसा भी नहीं मिलता, हम 3 बहनें किराए के मकान में अलग रहकर अपनी पढ़ाई और भरण-पोषण खुद ट्यूशन पढ़कर करती हैं।
सविता दुबे (नश काटने वाली छात्रा मो.- 8305914686)
●3 बहनें अलग रहकर काम पढ़ाई करती हैं..
मैं सविता 23 साल की महाराजा कालेज में BA की छात्रा हूँ। मेरी छोटी बहन 17 साल की मुस्कान BA कर रही है। तो मेरी बड़ी बहन 26 वर्षीय कबिता शहर के अवंतीबाई प्राईवेट कालेज से BSC – BED कर रही है। जिसकी 22 हजार रुपये सालाना के हिसाब से 70 -80 हजार फीस भरना है जो कि हमारे पास नहीं है। फीस बहुत ज्यादा है अभी हाल ही में हमने व्यवस्था करके (ट्यूशन पढ़ाकर) कुछ जमा की है। अब हमारे पास पैसा नहीं ही और फीस भरना है। जिसके लिए हम जनसुनवाई में गये थे कि हमारी फीस माफ करवाई जाये और भरण पोषण की व्यवस्था की जाये।
●पूर्व में भी जा चुकी जनसुनवाई नहीं मिला था न्याय..
सविता की मानें तो इससे पहले भी वह इस जनसुनवाई में आ चुकी है पिछली बार वह आई थी तो उसे महिला बाल विकाश और वन स्टाप सेंटर भेज गया था जहां। उन्होंने साफ कह दिया था कि हम कुछ मदद नहं कर सकते। सो इस बार मैं फिर से जनसुनवाई में आई थी, पर इस बार भी वही हुआ कलेक्टर साहब ने महिला बाल विकाश और SDM को बोला तो मुझे गुस्सा आ गया और मैंने अपना ही आवेदन फाड़ते हुए अपने हाथ के नाखूनों से अपने ही हाथ की नस काट ली। जहां महिला गार्ड और SDM ने छात्रा को जिला अस्पताल पहुंचाया।
फिलहाल छात्रा जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में एडमिट है जहां उसका ईलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।