इंदौर: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर तथा जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने आज इंदौर जिले के महू क्षेत्र में सिंचाई के लिए बड़ी सौगात दी। उन्होंने महू विधानसभा क्षेत्र के गोकल्या कुण्ड में 333 लाख रुपये लागत की बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया। इस अवसर पर ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं ने नाच-गाकर तथा कलश यात्रा निकाल कर उत्सव मनाया और शासन का आभार व्यक्त किया।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने संबोधित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश के विकास में अनुसूचित जनजाति के लोगों की अहम भूमिका है। इस वर्ग का कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस वर्ग के विकास में कोई कोर कसर नहीं रखें। श्री सिलावट ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश का चहुंमुखी विकास किया जा रहा है।
श्री सिलावट ने ग्रामीणों से कहा कि वे जल का संरक्षण कर जल को बचाएं। जल है तो जीवन है। उन्होंने गोकल्या कुण्ड की सिंचाई परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना 333 लाख रुपए की है। इससे 130 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। योजना के पूर्ण हो जाने पर क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति के 180 कृषक परिवारों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
प्रति वर्ष वे तीन फसल ले सकेंगे। कृषि उत्पादन बढ़ेगा। किसानों की आर्थिक उन्नति होगी। उन्होंने कहा कि गोकल्या कुण्ड तालाब सिंचाई योजना का नामकरण माता शबरी के नाम पर किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि ग्रामीणों के लंबे संघर्ष के बाद इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी मिली है। इसके लिए जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। सड़क, बिजली, पानी की विशेष व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से धरती मां की प्यास बुझेगी। जब धरती में पर्याप्त पानी रहेगा तो किसानों के जीवन में भी खुशहाली आएगी। उन्होंने किसानों का आव्हान किया कि वे रासायनिक खादों का संतुलित उपयोग करें। जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को अपनाएं। उन्होंने ग्रामीणों को 3000 पौधे लगाए जाने का संकल्प दिलवाया।