भोपाल: लोक निर्माण विभाग आने वाले तीन माह में 5500 करोड़ के निर्माण और मरम्मत कार्य कराएगा। विभाग के चीफ इंजीनियर और कार्यपालन अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के विधायक या किसी अन्य जनप्रतिनिधि के नए काम अगले दो माह मे नहीं लेंगे। पहले 5500 करोड़ के तय एक हजार कामों को पूरा कराया जाएग, इसके बाद ही नए कामों की मंजूरी के लिए प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी। उधर जिलों में विधायक और भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधि लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों पर यह दबाव बनाने में जुट गए हैं कि उनके पूर्व के काम को करने के साथ नए काम को भी इस माह तैयार की जाने वाली डीपीआर में शामिल कर लें।
पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। इसलिए अब जनता के बीच विकास के काम लेकर जाने के लिए ये जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द अपने क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी में जुट गए हैं। चूंकि पुल और सड़कें विकास की वाहक हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार शहरी और ग्रामीण इलाकों की सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण को तवज्जो देने पर जोर दिया जा रहा है। विभाग के इंजीनियर इसके चलते असमंजस की स्थिति में हैं। दरअसल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान नौ मार्च को पेश हुए बजट में लोक निर्माण विभाग को आवंटित बजट में 5500 करोड़ रुपए का प्रावधान अपरीक्षित मद में किया गया है।
विभागीय अफसरों के अनुसार यह वह मद होता है जिसमें किसी भी काम में लगने वाली राशि का परीक्षण किए गए अनाप-शनाप तैयार प्रस्ताव के आधार पर राशि का प्रावधान किया जाता है लेकिन इस अपरीक्षित मद की राशि भी खर्च तभी हो सकती है जब इस मामले में डीपीआर पेश हो और इसके लिए तय कमेटी डीपीआर को मंजूरी दे दे। इसी के चलते प्रदेश के चालू साल का बजट पेश होने के पहले लोक निर्माण विभाग ने आनन फानन साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान विभागीय बजट में किया था। जो काम इस राशि से कराए जा सकते हैं, उसमें प्रमुख रूप से जिला सड़क मार्गों का मजबूतीकरण और अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त संरचनाओं के पुनर्निमाण कार्य को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इन कार्यों के लिए इसी माह स्टीमेट और डीपीआर प्रमुख अभियंताओं के माध्यम से राज्य शासन को भेजे जाने के निर्देश दिए हैं।