MP News: नगरीय निकायों के लिए बनी नई जल-मल निकासी नीति, मशीनों से होगी सुरक्षित सफाई, जुर्माना भी बढ़ेगा
भोपाल: नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के लिए जल-मल प्रबंधन नीति तैयार कर ली है। इस नीति के तहत प्रदेश के सभी निकायों में स्थित मैनहोल को मशीन होल में परिवर्तित किया जाएगा। सफाई के लिए मशीन और रोबीटिक्स का प्रावधान किया जाएगा। मशीनहोल की सफाई के दौरान पीपीई किट और सुरक्षात्मक संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। सीवरेज से जुड़े सारे वाहनों के लिए ट्रेकिंग सिस्टम डेवलप किया जाएगा और सेप्टिक टैंक और सीवर सफाई के लिए निजी आॅपरेटरों को अनुबंध के तहत तैनात किया जाएगा। सेप्टिक टैंक के लिए मानक तय होंगे। प्रदूषित पानी को सार्वजनिक स्थानों, नालियों में फैलाने पर जुर्माना भी लगेगा।
जलमल प्रबंधन नीति मध्यप्रदेश 2023 को लेकर सभी नगर निगमों के आयुक्त और नगर पालिका, परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और नगरीय क्षेत्रों के अन्य हितधारकों से अभिमत मांगे गए है। ये अभिमत बीस जुलाई तक दिए जाने है। इसके बाद इनको समाहित करते हुए यह पॉलिसी इसी माह लागू की जा सकती है।
इस नीति के तहत राज्य के सभी नगरीय निकायों के मैनहोल को मशीन होल में बदला जाएगा। कर्मचारियों को सेटिप्ट टेंक और मशीन होल के मशीन से सफाई के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। कस्बों और शहरों में सभी मानव अपशिष्ट का शत प्रतिशत सुरक्षित नियंत्रण किया जाएगा। अपशिष्ट उपचार और निपटान स्थलों पर मानव अपशिष्ट का सुरक्षित संग्रह और परिवहन किया जाएगा। जलमल प्रबंधन को लागू करने नगरीय निकाय के बीच तकनीकी क्षमता में वृद्धि की जाएगी। हर दो-तीन साल के अंतराल पर सेप्टिक टैंक या अन्य नियंत्रण प्रणाली को खाली किया जाएगा। सीवरेज के नेटवर्क, एसटीपी और एफएसएसएम में सह उपचार के माध्यम से मानव अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए लागत प्रभावी समाधान किया जाएगा। सभी गांव और शहरों में मानव अपशिष्ट से जल निकायों और भूजल के दूषण को रोकने के लिए सभी स्थलों पर एकत्रित मल कीचड़ और सेप्टेज का सुरक्षित निपटान किया जाएगा। खेतों, पार्को, बगीचों और ऐसे अन्य जरुरी कामों में उर्वरक के रुप में उपचारित गाद का अधिकतम पुन: उपयोग किया जाएगा। सुरक्षित जलमल प्रबंधन सेवाओं के कारण बीमारियों में कमी आएगी।
इन उपकरणों का होगा उपयोग- सेप्टिक टैंक की पूर्ण सफाई के लिए डीस्लडिंग वाहन के जरिए वेक्यूम का उपयोग कर, ब्लो बैक अरेजमेंट से पूरी तरह मल कीचड़ साफ किया जाएगा। हाइड्रोवैक मशीन से उच्च दबाव जेटिंग के द्वारा सीवर लाइनों की सफाई की जाएगी। आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित रोबोट होमोसेप एटोम से सेप्टिक टेंक के नीचे के गाद और अधिक गहरे सेप्टिक टेंक के गाद को साफ किया जाएगा।इससे सफाई मित्रों को मशीन होल में प्रवेश किए बिना सफाई हो जाएगी।
जेना 6 सोलर पावर से चलने वाले रोबट से मशीन होल की सफाई की जाएगी। इसमें हाइड्रोलिक गार्बर यूनिट से दस मीटर तक नीचे दो मिनट में सफाई हो जाएगी। ग्रैबर डिसिल्टिर मशीन होल ड्रेजर से ग्रैब बकेट के जरिए मशीन होल से सफाई हो जाती है। सीवर निरीक्षण कैमरे से सीवर लाइनों का निरीक्षण और सीवर की स्थिति का परीक्षण किया जा सकेगा। पावर बकेट मशीन से गाद के बड़े भंडार को आंशिक रुप से हटाया जाएगा। हाइड्रोलिक सीवर रुट कटर से जमे हुए मलवे को काटते हुए साफ किया जा सकेगा।पावर रॉडिंग मशीन से सीवर लाइन के चोक को हटाया जाएगा। बैडिकूट रोबोट का उपयोग भी किया जाएगा।
यह है लक्ष्य-
मशीनीकृत सफाई व्यवस्था बनाते हुए सफाई मित्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। सिटीवाईड इन्क्लूसिव सेनीटेशन के सिद्धांतों का पालन करते हुए सभी शहरी निकायोें में सर्वोत्तम स्वास्थ्य की स्थिति प्राप्त की जाएगी। सभी शहर और गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ, स्वस्थ और रहने योग्य बनाने और अच्छी स्वच्छता सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
एक स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए बेहतर आॅन साईट स्वच्छता प्रणालियों के साथ मल कीचड़ और सेप्टेज के सुरक्षित प्रबंधन को सुनिश्चित कराया जाएगा।
मानक डिजाईन जुर्माने का प्रावधान-
सेप्टिक टैंक के लिए मानक तय किए जाएंगे। भवन निर्माण में इसके निर्माण पर ही अनुमति दी जाएगी। सेप्टिक टैंक से निकलने वाले काले पानी को किसी भी रहवासी द्वारा बरसाती नाली, खुली नाली में छोड़ना दंडनीय अपराध माना जाएगा। इस पर निकाय जुर्माना तय करेगा और वसूलेगा।