MP News: सड़कों की गुणवत्ता जांचने अब परतों की मानीटरिंग कराएगी सरकार

340

MP News: सड़कों की गुणवत्ता जांचने अब परतों की मानीटरिंग कराएगी सरकार

भोपाल: प्रदेश में बन रही सड़कों की गुणवत्ता में अब कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। ठेकेदार इसमें गुपचुप रुप से कमी कर कमजोर गुणवत्ता वाली सड़क बनाकर ठेके की राशि नहीं ले पाएंगे। सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने अब इसकी विभिन्न परतों की आवृत्ति का परीक्षण और मानीटरिंग भी लोक निर्माण विभाग कराएगा। इसमें कमी पाए जाने पर भुगतान रोका जा सकेगा।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने लोक निर्माण विभाग के प्रदेश के सभी प्रमुख अभियंता, सभी परिक्षेत्रों के मुख्चय अभियंता, सभी वृत्तों के अधीक्षण यंत्रियों और मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालकों को इस संबंध में निर्देश दिए है। मार्ग निर्माण में उपयुक्त होंने वाली सभी सामग्रियों नान बिटुमिन्स एवं बिटुमिन्स कार्यो में सोर्स अनुमोदन के बाद मिनिस्ट्री आॅफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे स्पेशिफिकेशन रोड एवं ब्रिज वर्क्स पांचवे रिवीजन के सेक्शन 900 के अनुसार सामग्रियों का एवं मार्ग निर्माण के दौरान सामग्रियों का निर्धारित आवृत्ति में परीक्षण करने के दिशा निर्देश दिए गए है। जिससे की मार्ग की समस्त परतों का कार्य निर्धारित मापदंड और गुणवत्ता के अनुसार सुनिश्चित किया जा सके। इसी क्रम में मार्ग की चौड़ाई के अनुरुप विभिन्न परतों में आवृत्ति अनुसार परीक्षण प्रति किलोमीटर किए जाने की गणना की गई है ताकि मार्ग निर्माण के दौरान निर्धारित आवृत्ति के अनुरुप परीक्षण कराए जा सके।

मार्ग निर्माण में सबग्रेड का कार्य सामान्यत: पांच सौ एमएम मोटाई में किया जाना चवाहिए। मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर एवं दोनो तरफ शोल्डर 1.875 मीटर चौड़ाई के साथ फारमेशन की चौड़ाई 7.5 मीटर और मार्ग की चौड़ाई 5.50 मीटर में दोनो तरफ शेल्डर 2.25 मीटर के साथ्ज्ञ फार्मेशन की चौड़ाई दस मीटर तथा मार्ग की चौड़ाई 7 मीटर के दोनो तरफ शोल्डर 2.50 मीटर के साथ फार्मेशन की चौड़ाई 12 मीटर किये जा कर उपयोग में आने वाली मिट्टी की मात्रा की गणना की गई है। इन सड़कों के ढाई सौ मीटर से तीन हजार मीटर तक फ्रिकवेंसी टेस्ट कराए जाएंगे। पंद्रह से 22 सेटस में आवत्ति अनुसार प्रतिकिलोमीटर में परीक्षण करााया जाएगा।

शोल्डर की जांच-

मार्ग निर्माण में शोल्डर का कार्य 150 एमएम मोटाई में निर्धारित किये जाकर शोलडर की चौड़ाई डेढ मीटर से लेकर ढाई मीटर में उपयोग आने वाली सामग्री का परीक्षण किया जाएगा। मार्ग निर्माण में सीएसएम का कार्य सामान्यत: डेढ़ सौ एमएम, से लेकर 230 एमएम के अतिरिक्त और अधिक मोटाई में डिजाईन के अनुरुप किय जाएगा। इसी तरह वेट मिक्स मेकाडम का कार्य भी जांचा जाएगा। मार्ग निर्माण में डेंन्स बिटुमिन्स मेकाडम भी जांचा जाएगा। बिटुमन कांक्रीट की भी गुणवत्ता मोटाई, चौड़ाई नापी जाएगी। ओपन ग्रेडेड प्रीमिक्स कारपेटिंग और सील कोट की भी जांच की जाएगी। जो ड्रायलेन कांक्रीट मार्ग में डीएलसी का कार्य सौ एमएम एवं डेढ़ सौ एमएम मोटाई में डिजाईन अनुरुप किया है कि नहीं इसकी भी जांच होगी। सीमेंट कांक्रीट मार्ग में पेवेमेंट क्वालिटी कानक्रेट का काम दो सौ से तीन सौ मोटाई में डिजाइन हुआ है या नहीं इसका भी परीक्षण होगा।

दस प्रतिशत परीक्षण प्रयोगशाला में होंगे-

दस प्रतिशत परीक्षण विभागीय प्रयोगशालाओं में एवं दस प्रतिशत परीक्षण ऐसी प्रयोगशालाओं में कराए जाएंगे जो संपादित किए जा रहे परीक्षण हेतु एनएबीएल द्वारा अधिमान्य हो। इसके लिए ठेकेदार को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाएगा। इस तरह के परीक्षण से कार्य की गुणवत्ता का निर्धारण सुनिश्चित हो सकेगा और इसका लाभ ठेकेदार को भी मिलेगा।