भोपाल.राज्य सरकार अब प्रदेश के 53 हजार गांवों का गजेटियर तैयार करेगी। गजेटियर तैयार करने का यह काम ग्राम गौरव दिवस के जरिये किया जा सकेगा। गांव का जन्मदिन कब मनाया जाना है, इसका निर्धारण 14 अप्रेल तक करना होगा। इसको लेकर पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं और स्थापना दिवस तय कर उसे हर साल गौरव दिवस के रूप में मनाने के लिए कहा है।
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों, सीईओ जिला पंचायत से कहा गया है कि प्रेम, सद्भाव, समरसता और सद्भाव ग्रामीण जीवन का मूलतत्व है। अपने खूबसूरत इतिहास, परम्परा के कारण हर गांव की विशिष्ट पहचान होती है। इसीलिए हर ग्राम पंचायत के हर गांव में ग्राम गौरव दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शासन द्वारा तय की गई रणनीति पर अमल किया जाना है। विभाग ने कहा है कि हर जिले से दो और हर जनपद से तीन मास्टर ट्रेनर का चयन इसके लिए किया जाना है। इन्हें राज्यस्तर पर ट्रेनिंग देकर कार्यक्रम की मूल अवधारणा से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद मास्टर ट्रेनर्स क्लस्टर लेवल पर ट्रेनिंग देंगे जिसमें पंचायतों के प्रशासकीय समिति सदस्य, ग्राम पंचायत के शिक्षक, सचिव, रोजगार सहायक और अन्य ग्रामीणजन शामिल होंगे। इसके बाद चरण बद्ध ग्राम सभाओं का आयोजन इसको लेकर किया जाएगा। पहले चरण में जिले के बड़े और महत्वपूर्ण गांवों में ग्राम सभा होंगी जिसमें जिले से नोडल अधिकारी शामिल होंगे। इसके बाद बाकी गांवों की व्यवस्था होगी। इन सभी गांवों में ग्राम सभाओं का आयोजन 14 अप्रेल को अंबेडकर जयंती तक पूरा करना है और गांव का गौरव दिवस किस दिन मनेगा, यह तय कर लेना है।
*ऐसे तैयार होंगे गजेटियर*
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि ग्राम सभा की बैठक बुलाकर ग्राम गौरव दिवस तय करने के लिए गांव के किसी ऐतिहासिक दिवस को, गांव के किसी महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी या राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध पुरुष-महिला के जन्म दिन को ग्राम गौरव दिवस के रूप में तय किया जा सकेगा। गांव से बाहर रहने वाले व्यक्ति को आमंत्रित करने के लिए जिला स्तर पर तैयार किए गए आमंत्रण पत्र के जरिये उसे आमंत्रित किया जाएगा। ग्राम सभा की बैठक में ग्राम विकास की भविष्य की रणनीति, विकास का खाका तय किया जाएगा। कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि पुराने अभिलेख, गजेटियर, बीसीएनवी तथा तहसील के अभिलेख के माध्यम से हर ग्राम पंचायत का गजेटियर विकसित किया जाए। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज एकत्र करने की जिम्मेदारी तय की गई है।