MP News: अब निजी कंपनियों की मदद से प्रदेश की सड़कों को गढ्ढामुक्त बनाएगी सरकार

-एप पर आम नागरिक कर सकेंगे गढ्ढों की तस्वीर, वीडियो के साथ शिकायत

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भोपाल: प्रदेश की सड़कों को गढ्ढामुक्त करने की जिम्मेदारी अब निजी कंपनियां उठाएंगी।  जेट इंजेक्शन तकनीक से ये सड़कें तुरंत ठीक की जा सकेंगी।

लोक निर्माण विभाग सबसे पहले यह प्रयोग भोपाल और समीप के एक जिले में करने जा रहा है। गढ्ढों को भरने के लिए समयसीमा भी तय होगी और देरी पर कंपनी पर पैनाल्टी लगाने का प्रावधान भी किया जाएगा।

प्रदेश में बनने वाली सड़कों के निर्माण के बाद यूं तो उसके निर्माता ठेकेदार की ही जिम्मेदारी उसके तय समय तक संधारण की होती है। लेकिन गढ्ढे समय पर नहीं भरे जाते और देरी के कारण ये गढ्ढे सड़कों को और अधिक बदहाल बना देते है। इसमें विभागीय अफसरों पर ठेकेदारों से साठ गांठ कर समय पर गढ्ढों को ठीक नहीं किए जाने के आरोप भी लगते है। आमजन की शिकायत पर निर्माणकर्ता एजेंसियां और विभाग अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर टालते नजर आते है। इस नये फार्मूले से इन सबसे निजात मिलने वाली है।

लोक निर्माण विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राजधानी भोपाल और रायसेन, सीहोर या विदिशा में से किसी एक जिले में यह काम शुरु करेगा। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी कर निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। ठेका फाइनल होंने के पर बारिश के बाद यह कंपनी इस पर काम शुरु कर देगी।

ऐसे होगा काम-
राज्य सरकार टेंडर के जरिए  देशभर की सड़क संधारक कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगी। जो कंपनी यह काम लेगी उसे सड़क के किलोमीटर के हिसाब से गढ्ढे भरने, पेंच वर्क करने की जिम्मेदारी सौपी जाएगी। प्रारंभ में एक साल तक यह काम निजी कंपनी को सौपा जाएगा। निजी कंपनी इसके लिए जेट इंजेक्शन तकनीक पर आधारित मशीनों का प्रयोग करेंगी। इन मशीनों के जरिए गरम डामर और गिट्टी को प्रेशर के साथ गढ्ढे में डाला जाता है और फिर उसे पंच करके दबाया भी जाता है। इससे गढ्ढे तेजी से भरना आसान होता है। कंपनी को तीन सौ से पांच सौ किलोमीटर पर एक मशीन रखने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसमें गढ्ढे के मेजरमेंट की बजाय सड़क के किलोमीटर के आधार पर हर तरह के गढ्ढे को भरने का कांट्रेक्ट किया जाएगा। समयसीमा में गढ्ढे नहीं भरने पर प्रतिदिन के हिसाब से पैनाल्टी लगाने का प्रावधान भी किया जाएगा।

एप पर आमजन भी कर सकेंगे खराब सड़कों की शिकायत-
इस पायलट प्रोजेक्ट में आमजन को भी सीधे जोड़ा जाएगा। लोक निर्माण विभाग एक एप भी लांच करेगा। इस एप के जरिए आमजन इस योजना के दायरे में आने वाली लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों पर होंने वाले गढ्ढों के फोटो और वीडियो जगह की पूरी जानकारी के साथ अपलोड कर इसे सुधारने के लिए शिकायत कर सकेंगे। ठेका लेने वाली निजी कंपनी को शिकायत अपलोड होंने के सात दिन में ही उसे ठीक करना होगा। ऐसा नहीं होंने पर पैनाल्टी लगाई जाएगी।

हरियाणा सरकार ने शुरु किया है काम-
हरियाणा सरकार इस फार्मूले पर काम कर रही है। मध्यप्रदेश के अफसर इस फार्मूले को देखकर आ चुके है। वहां गढ्ढों की शिकायत करने वाले नागरिकों को भी प्रोत्साहन स्वरुप राशि देने की व्यवस्था की गई है।  हरियाणा सरकार ने इसे बड़े क्षेत्र में लागू किया है।