भोपाल
विधानसभा में मंत्रियों के 1108 आश्वासन अभी भी अधूरे पड़े है। अफसरों द्वारा रुचि नहीं लिए जाने के कारण ये आश्वासन पूरे नहीं हो पाए है। अब मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सभी विभागों के अधिकारियों को कहा है कि मंत्रियों के लंबित आश्वासनों को पूरा किया जाए। विधानसभा सत्र शुरु होंने से पहले जो आश्वासन तत्काल पूरे हो सकते है उन्हे पूरा किया जाए और विस्तृत प्रकृति के आश्वासन भी पूरे करने की दिशा में तेज गति से काम किया जाए।
मंत्रियों के आश्वासनों को लंबित रखने के मामले में नगरीय प्रशासन विभाग सबसे अव्वल है। यहां अभी भी 193 आश्वासन लंबित चल रहे है।दूसरे स्थान पर स्कूल शिक्षा विभाग है यहां के 149 आश्वासनों पर कार्यवाही होना अभी बाकी है।लोक निर्माण विभाग में 99 और गृह विभाग में 83 आश्वासनों पर अफसरों ने कार्यवाही नहीं की है जिसके कारण ये लंबित पड़े है। 55 सरकारी महकमे ऐसे है जिनमें कुल 1108 आश्वासन लंबित चल रहे है। जिन विभागों में बीस से उपर आश्वासन लंबित चल रहे है उनमें खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, सहकारिता, जनजातीय कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा और जलसंसाधन विभाग शामिल है। यहां 24 से लेकर 65 तक आश्वासनों पर कार्यवाही नहीं हुई है।
लोक लेखा समिति की 122 सिफारिशों पर अब तक अमल नहीं-
लोक लेखा समिति की 122 सिफारिशों पर विभागों ने अब तक अमल नहीं किया है। बारह विभागों ने इस पर अमल नहीं किया जहै। सर्वाधिक 31 सिफारिशें वाणिज्य कर विभाग में लंबित है। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 16 और राजस्व विभाग में 14 सिफारिशों पर अमल नहीं किया जा सका है। पशुपालन विभाग में 11 और खनिज विभाग में दस सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया है। इसके अलावा सामाजिक न्याय विभाग , गृह, जलसंसाधन, नर्मदा घाटी विकास, स्कूल शिक्षा, वन संस्कृति, अनुसूचित जाति कल्याण और लोक निर्माण विभाग ने भी लोक लेखा समिति की कई सिफारिशों को लटका रखा है।