भोपाल: नर्मदापुरम पुलिस रेंज के चार जिलों के सुदूर आदिवासी गांवों के लोगों की समस्याएं सुनने के लिए पुलिस उनके गांव में पहुंचेगी। इसके लिए पुलिस अफसर कोई अलग से न तो शिविर लगवाएं न कोई चौपाल होगी। गांव के किसी भी पेड़ के नीचे अफसर जाकर बैठेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। पुलिस अफसरों के साथ गांव के बीट प्रभारी को भी मौजूद रहना होगा।
नर्मदापुरम आईजी दीपिका सूरी ने इस रेंज के रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिले के ऐसे गांवों में जाने का तय किया है, जिन गांवों में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है। यहां जाकर वे आदिवासी बाहुल्य गांवों के लोगों की हर तरह की समस्याएं सुनेंगे। इस अभियान को जनसंपर्क नाम दिया गया है। इसमें पुलिस से संबंधित समस्याएं हुई तो उन्हें तत्काल हल किये जाने का प्रयास होगा, जबकि जिला प्रशासन से संबंधित कोई समस्या हुई तो पुलिस अफसर ही संबंधित जिले के अफसरों को यह समस्या बताएंगें। हालांकि पुलिस के साथ जिला प्रशासन के भी अफसर रहेंगे ऐसा तय हो चुका है।
आमतौर पर कुछ गांवों में लड़कियों के पलायन की शिकायतें ज्यादा आती है, साबयर अपराध के जरिए भी गांव वालों को ठगा जाता है। इनसे कैसे बचा जाए। शिकायत तत्काल कहां पर की जाए, ताकि पुलिस तत्काल एक्टिव हो सके। इसलिए जनसम्पर्क के दौरान गांव के बीट प्रभारी और थाना प्रभारी को भी अफसर अपने साथ गांव में ले जाएंगे। इनके मोबाइल नंबर दिए जाएंगे और बीट प्रभारी को गांव वालों से सम्पर्क में रहने का भी कहा जाएगा। इसके साथ ही इनको यातायात नियमों का भी पुलिस अफसर इन गांवों में जाकर प्रचार-प्रसार करेंगे। इस अभियान की शुरूआत मई में होगी। सबसे पहला जनसम्पर्क बैतूल जिले में होगा।