MP News: बूथ कैप्चरिंग में गिरफ्तार परिजनों ने दिया कलेक्टर को आवेदन, कहा- फर्जी मामला दर्ज कर भेजा जेल

उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग

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MP News: बूथ कैप्चरिंग में गिरफ्तार परिजनों ने दिया कलेक्टर को आवेदन, कहा- फर्जी मामला दर्ज कर भेजा जेल

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले के बड़ामलहरा मदनीबार गांव के कई परिवारों ने कलेक्टर को रोते हुए फरियाद सुनाई कि पुलिस ने उनके बच्चों पर बूथ कैप्चरिंग का गंभीर फर्जी मामला दर्ज कर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है जिसकी उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराई जाए और बच्चों को रिहा किया जाए।

●क्या है पूरा मामला..

मामला जिले के बड़ामलहरा का है। जहां 1 जुलाई को बड़ामलहरा अनुभाग के मदनीबार गांव में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। यहां मतदान के बाद रात में हंगामा होने पर बूथ कैपचरिंग हुई, मतपत्र भी फाड़े गए। तब पुलिस ने वहां पहुंचकर कुछ लोगों को हिरासत में लिया और आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था।

पुलिस ने दावा किया कि यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने बूथ कैप्चरिंग की है। जबकि परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे उस दिन बूथ में एजेंट थे, पुलिस ने घर पर आकर गवाही की बात कहकर बच्चों को बड़ामलहरा थाने ले गई और वहां उन्हें आरोपी बना दिया गया।

गिरफ्तार व्यक्तियों में कई युवा शामिल हैं जिनकी अभी-अभी शादी हुई है। जिनमें से भरत अहिरवार की पत्नी रेखा ने बताया है कि उसके दो बच्चे हैं वह घर में अकेली है। आरोप है कि उसके पति को फर्जी तरीके से पुलिस ने फंसा दिया है। वह चाहती है कि उच्च अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करें और चाहे तो वह सीबीआई जांच करा लें।

वहीं मुल्चा अहिरवार ने बताया की उसका बेटा दीपक अहिरवार एजेंट बना था जिस पर पुलिस ने फर्जी मामला दर्ज कर लिया। अगर उसका बेटा दोषी है तो उसे फांसी की सजा दी जाए और अगर दोषी नहीं है तो उसे तत्काल छोड़ा जाए। उसके पास अब आत्म दाह के आलावा कोई रास्ता नही बचा है।

इस घटना के बाद गांव की व्यक्ति इस घटना के बाद डरे सहमे है पुलिस लगातार ग्रामीणों को डरा रही है। इस कारण कोई भी किसी भी बात पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। पीड़ित युवकों के परिवार ने कलेक्टर से लिखित में आवेदन दिया है कि अगर उनके साथ निष्पक्ष कार्यवाही नहीं हुई तो वह आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशाशन की होगी।