भोपाल: विदिशा जिले के लटेरी वन क्षेत्र की सुरक्षा करने वाले वन विभाग के अमले की सुरक्षा में विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं विदिशा के डीएफओ अजय पांडे ने भी अपने विभाग के आला अफसरों से सुरक्षा के लिए एसएएफ का बल देने की मांग की है। दरअसल पिछले महीने लटेरी के जंगल में लकड़ी तस्करों और वन अमले के बीच हुई मुठभेड़ के बाद वन कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। विदिशा में इस घटना के बाद कई वन रक्षकों ने अपने हथियार सरकार को वापस कर दिए थे।
इस घटना के बाद यहां के डीएफओ अजय पांडे ने सीसीएफ को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने यहां लटेरी में एसएएफ के जवानों को तैनात किये जाने की मांग की थी। इस पत्र में उन्होंने घटना के बाद लटेरी के दोनों वन क्षेत्रों में बने दहशत के माहौल को भी बताया था।
इस पत्र के बाद लटेरी के दोनों वन क्षेत्रों के लिए एसएएफ के 20 जवान दिए गए हैं। हालांकि यह जवान पुलिस मुख्यालय की एसएएफ ने नहीं दिए हैं, बल्कि वन विभाग के पास पूर्व से मौजूद एसएएफ के जवानों को ही लटेरी भेजा गया है। रायसेन जिले के सिलवानी और औबेदुल्लागंज के वन अमले को एसएएफ के जवान पूर्व में दिए गए थे। अब इन जवानों का उपयोग वन विभाग रायसेन की जगह पर विदिशा जिले में करने लगा है।
यह हुई थी घटना
पिछले महीने लटेरी के जंगल से लकड़ियां चुरा कर ला रहे कुछ लोगों पर वन विभाग के एक दल ने गोलीबारी कर दी, जिसमें 32 वर्षीय एक आदिवासी की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए। इस मामले में वनकर्मियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद से ही वन अमला यहां पर अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा था। इस घटना के विरोध में वन अमले ने अपने हथियार भी सरकार को वापस कर दिए थे।