MP News: कोरोना काल में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं समाप्त,10 हजार से अधिक होंगे प्रभावित

मचा हड़कंप - लगाई गुहार - मिला आश्वासन

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वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर : मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान दावा कर रहे हैं कि प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य , शिक्षा और आवास जैसे बुनियादी मामलों में धन की कमी नहीं रहेगी और अधिक संसाधन जुटाए जाएंगे ।

यह दावा खोखला सिद्ध होरहा है जब प्रदेश में विगत दो सालों में कोविड संक्रमण काल में अस्थायी सेवाएं दे रहे कोई दस हजार से अधिक आयुष चिकित्सक , डॉक्टर , मेल – फीमेल नर्सिंग स्टॉफ , लेब टेक्नीशियन , टेस्टिंग लेब कर्मचारियों , कम्पाउंडर साइंटिस्ट आदि की सेवाएं तत्काल प्रभाव से एक अप्रैल से समाप्ति के आदेश दिये गये हैं ।

वह भी तब जब मंदसौर , नीमच , रतलाम सहित प्रदेश के अन्य जिलों में 30 से 60 फ़ीसदी तक चिकित्सा स्टॉफ की कमी से जूझ रहे हैं ।

30 मार्च की आधिकारिक रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित रोगी है ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक प्रियंका दास के हस्ताक्षर से जारी 23 मार्च के निर्देश में समस्त जिले के कलेक्टरों , जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा गया है कि कोरोना में अस्थायी डॉक्टरों , नर्सिंग स्टॉफ व अन्य की सेवाएं समाप्त सूचना देवें । इस निर्देश के परिपेक्ष्य में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के एल राठौड़ ने बुधवार को आदेश दिये हैं जिसमें 1 अप्रेल 2022 से सेवाएं समाप्ति का कहा है ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश भोपाल एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी के ऑर्डर में सेवाएं से पृथक किये जाने का कारण बजट का अभाव बताया है ।
कोविड19 स्वास्थ्य सेवा संगठन मध्यप्रदेश के बैनर पर इस निर्णय का विरोध होरहा है ।
संगठन के डॉ योगेश तरण , जितेंद्र कुशवाह व अन्य ने नियमित सेवाएं जारी रखने और संविदा नियुक्ति की मांग करते हुए वित्तमंत्री श्री जगदीश देवड़ा , पर्यावरण और ऊर्जा मंत्री श्री हरदीपसिंह डंग , मंदसौर विधायक श्री यशपालसिंह सिसौदिया , गरोठ – भानपुरा विधायक श्री देवीलाल धाकड़ को ज्ञापन भी सौंपा है । सभी ने संक्रमण काल में सेवाओं की सराहना की और मांग उच्च स्तर पर रखने का आश्वासन भर दिया ।
मंदसौर जिले में ही 25 से अधिक आयुष चिकित्सक , डॉक्टर , 30 से अधिक नर्सिंग स्टॉफ , लैब टेक्नीशियन , साइंटिस्ट आदि की सेवाएं प्रभावित होंगी ।
इसका असर जिला चिकित्सालय , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , मिनी पी एस सी पर भी पड़ेगा ।
संगठन द्वारा बताया गया कि 89 दिनों के लिए अस्थायी रूप से काम लिया जारहा था । अवधि पूर्ण होने पर पुनः अवधि बढ़ जाती । अब तो तत्काल ही सेवाएं समाप्ति आदेश किया है ।

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कोरोना काल के 2 वर्षों में अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों के उपचार हेतु रात दिन एक करने वाले चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च से समाप्त किए जाने के आदेश शासन द्वारा जारी किए जाने से प्रदेश के साथ-साथ अंचल क्षेत्र में भी रोष पनपने लगा है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में विगत 2 वर्षों में हजारों मरीजों के उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ था विभाग के चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ प्राइवेट चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की भी सेवाएं ली गई थी जिन्होंने रात दिन एक कर के अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड-19 में मरीजों का उपचार करते हुए उनमें उत्साह का संचार किया था लेकिन समय बीतने के साथ शासन द्वारा उन्हें निकाले जाने का रवैया अपनाया जा रहा है ।

तथ्य है यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कई शासकीय चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मी के रिक्त पदों से जूझ रहे हैं ऐसे में इन चिकित्सको व स्वास्थ्य कर्मियों को संविदा का लाभ दिया जाना चाहिए था मगर शासन द्वारा इन कर्मियों व चिकित्सकों की सेवाओं को नजरअंदाज कर दिया ।

जबकि शासन द्वारा सिंहस्थ महापर्व उज्जैन में अल्पावधि सेवाएं प्रदान करने वाले सुरक्षाकर्मियों को होमगार्ड के पद पर पदस्थ कर पुरस्कृत किया गया था। यह पात्रता चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को मिलना चाहिए। प्रथम और द्वितीय लहर में स्वास्थ्य केंद्रों की तमाम सेवाएं बौनी साबित हो रही थी तब इन आयुष चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी भूमिका बखूबी निर्वाह की , परंतु अब शासन का रवैया अत्यंत निराशाजनक है।

शासन को इन चिकित्सा व स्वास्थ्य कर्मियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एवं प्रदेश के 7 करोड़ नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर इनकी सेवा समाप्ति के आदेश पर विचार कर इनकी सेवाएं निरंतर जारी रखना चाहिए ताकि स्वास्थ्य केंद्रों की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी सुचारू व बेहतर संचालित हो सके।

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि कोरोना पूरी तरह गया नहीं है । प्रतिबंध हटाये गये हैं पर मास्क और प्रोटोकॉल पालन जरूरी रहेगा ।

कोरोना की चौथी लहर से चीन , अमेरिका , यूरोपीय देश चपेट में हैं और शंघाई में व अन्य महानगरों में लॉकडाउन कर दिया है । ऐसे में बचाव और सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य सेवाएं निरन्तर जारी रखने की मांग नागरिकों के हित मे की जारही है । इस स्वास्थ्य सेवा संगठन को अन्य वर्गों का समर्थन भी मिल रहा है ।