MP News: स्टेम सेल थैरेपी आधारित बोन मैरो ट्रांसप्लांट एवं पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना होगी

भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा के मेडिकल कॉलेज से होगी शुरूआत

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भोपाल: चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि प्रदेश में स्टेम सेल थैरेपी आधारित बोनमैरो ट्रांसप्लांट एवं पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना की जा रही है।

मध्यप्रदेश में चार मेडिकल कॉलेज भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में यह सुविधा प्रारंभ होगी। लगभग 6 माह में इसे विकसित किया जायेगा|

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि प्रदेश में बच्चों के जेनेटिक बीमारियां जैसे सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, थैलीसीमिया तथा कैंसर ल्यूकीमिया, मल्टीपल माईलोमा, नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा के उपचार के लिए बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना की जाएगी।

प्रथम चरण में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में 06 बिस्तरीय बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट एवं 24 बिस्तरीय पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट की स्थापना की जाएगी।

इस यूनिट के माध्यम से विश्व स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी| इसमें स्वयं के (ऑटोलॉगस) स्टेम सेल ग्राफ्टिंग एवं अन्य व्यक्ति के (एलोजेनिक) बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा।

बोनमैरो ट्रांसप्लांट

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि बच्चों में सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया एवं थैलीसीमिया जैसी जेनटिक बीमारियों के कारण बच्चों के संक्रमित बोन मैरो को निकाल कर दूसरे व्यक्ति का स्वस्थ बोनमैरो करने के बाद बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा।

पीड़ित बच्चों के बोनमैरो को ट्रांसप्लांट करने के लिए प्राथमिक डोनर बच्चों के भाई बहन होते हैं, जिनका बोनमैरों के बच्चों के बोनमैरो से मैच करने की संभावना 25 प्रतिशत से अधिक होती है।

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि कैंसर जैसे ल्यूकीमिया, मल्टीपल माईलामा, नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा के पीड़ित मरीजों में उनके ही स्टेम सेल को निकाल कर ऑटोलॉगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया जाएगा।

पीड़ित मरीज के ही स्टेम सेल को निकाला जाएगा, फिर उसको क्रायो प्रिजर्व किया जाएगा| उसके बाद उसी मरीज में ऑटालॉगस ट्रांसप्लांट जाएगी।

बोनमैरो के लिए सेकेंडी डोनर

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि पीड़ित बच्चों के भाई-बहन के ना होने की स्थिति में अन्य व्यक्ति के बोनमैरो जो बच्चों के साथ 100 प्रतिशत मैच करता है को उपयोग में लिया जा सकता है| सेकेंडरी डोनर को स्टेम सेल रजिस्ट्री के माध्यम से चिन्हित किया जाता है।

स्टेम सेल रजिस्ट्री

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि भारत सरकार की स्टेम सेल रजिस्ट्री में कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अपने बोनमैरों को डोनेट करने के लिए स्वयं को रजिस्टर कर सकता है। किसी भी पीड़ित बच्चों के बोनमैरों से मैच होने पर वह अपने बोनमैरो को डोनेट कर सकता है।

परियोजना विवरण एवं लक्ष्य

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में 06 बिस्तर और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट में 24 बिस्तर शामिल है इसमें आईसीयू के 06 बिस्तर है। इस यूनिट के द्वारा 01 वर्ष में लगभग 20 बोनमैरो ट्रांसप्लांट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

अमेरिका के बोनमैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ के साथ सहभागिता

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि बच्चों में कैंसर एवं जेनेटिक बीमारियों के उपचार के लिए विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था विकसित कर अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क के विख्यात बोनमैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश सतवानी नि:शुल्क चिकित्सकीय उपचार एवं सहयोग प्रदान करेंगे।

जनजागरण अभियान

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से ठीक होने वाली असाध्य बीमारियों के बारे में जन जागरण किया जाएगा एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डोनेशन करने के लिए लोगो को प्रेरित किया जाएगा।

स्टेम सेल रिसर्च सेंटर

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से रक्त जनित बीमारियों के उपचार के अतिरिक्त अन्य असाध्य चिकित्सीय बीमारियों के लिए स्टेम सेल थेरेपी के उपयोग के लिए भोपाल में रिसर्च यूनिट को विकसित किया जाएगा, जिससे कि भविष्य में इन असाध्य बीमारियों का स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से उपचार किया जाना संभव हो सके।