भोपाल: प्रदेश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के उद्देश्य से पुलिस ट्रैनिंग एवं रिसर्च सेंटर (PTRI) ने सभी जिलों में व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए हैं। इस ग्रुप के जरिए सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने का प्रयास होगा। जिलों में हो रहे सड़क हादसों एवं इनमें हो रही मृत्यु की प्रकरणवार समीक्षा करने एवं दुर्घटनाओं के पिछले वर्ष की तुलना में कमी लाने के लिए जिले की सभी नोडल एजेंसी के प्रभारी अधिकारियों का व्हाट्स एप ग्रुप से जोड़ा जाएगा।
*ऐसे काम करेगा ग्रुप*
किसी भी सड़क हादसे की सूचना मिलते ही संबंधित थाना या यातायात थाने की पुलिस ग्रुप में जानकारी पोस्ट करेगी। इसमें यदि घायलों को चोट लगने की जानकारी मिलती है तो उसकी भी जानकारी पोस्ट की जाएगी। यदि गंभीर चोट हैं तो तत्काल पुलिस से लेकर अस्पताल तक सभी अलर्ट हो जाएंगे। यदि पास में कोई प्रायवेट अस्पताल है तो उसे भी अफसर अलग से सूचना देकर तत्काल इलाज शुरू करने के निर्देश देंगे। हादसे से कलेक्टर, एसपी भी अपडेट रहेंगे। वे भी घायलों के इलाज को लेकर क्षेत्र के संबंधित अफसरों से अपडेट लेते रहेंगे। इसके जरिए जिले की समिति सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने का प्रयास करेगी। ऐसा मानना है कि इससे गंभीर चोट पर इलाज जल्द मिल सकेगा। जल्द इलाज मिलने से मौत की संख्या में कमी आएगी। थाना प्रभारी घटना की जानकारी ग्रुप में साझा कर घटना का कारण एवं चिकित्सीय आवश्यकता के बारे में ही जानकारी देंगे।
*इन-इन अफसरों को जोड़ा जाएगा*
इस ग्रुप में सभी नोडल विभागों के प्रभारी अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और जिला परिवहन अधिकारी ग्रुप एडमिल रहेंगे। इस ग्रुप में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रुप एडमिन), जिला परिवहन अधिकारी (ग्रुप एडमिन), जिला चिकित्सा अधिकारी, सीएमओ नगर निगम , पी.डब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री, जिला शिक्षा अधिकारी, एमपीआरडीसी के जिला अधिकारी, एमपीआरआरडी के जिला अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण के जिला अधिकारी , जिला जनसंपर्क अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, पीडबल्यूडी नेशनल हाईवे एवं एनएचएआई के जिला अधिकारी, यातायात थाना प्रभारी के साथ ही सभी थानों के प्रभारियों को जोड़ा जाएगा।
*हर महीने होंगे दो बैठक*
इन हादसों को लेकर हर महीने कलेक्टर की अध्यक्षता में दो बार बैठक होगी। इसमें एक बैठक में पुलिस अधीक्षक के साथ ही सभी नोडल विभागों के अफसरों को भी शामिल होना होगा, जबकि दूसरी बैठक वर्चुअल होगी। इसमें सभी वर्चुअली जुड़ें। इन दोनों बार में ग्रुप पर आए हादसों को लेकर समीक्षा की जाएगी। जिसमें यदि सड़क की खराबी के कारण हादसा हुआ तो संबंधित विभाग को सड़क ठीक करने का कहा जाएगा। ऐसी तरह से सभी नोडल विभागों को हादसों को कम करने के उनके विभागों से संबंधित दिशा-निर्देश दिए जाते रहेंगे।