भोपाल: प्रदेश में अप्रेल माह में जारी किए गए बिलों में अनियमितता की शिकायत ने बिजली महकमे की परेशानी बढाÞ दी है। शिकायतों को देखते हुए ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा गलत विद्युत बिल के निराकरण के लिए समितियां बनाकर बिलों की जांच करने का काम शुरू किया है। ये कम्पनियां जिन जिलों में पहले से समितियां गठित हैं, वहां पुनर्गठन भी करेंगी और सात दिन के भीतर शिकायत का निराकरण करेंगी।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देश हैं कि हर जिले में विद्युत वितरण कम्पनी के वितरण केन्द्र स्तर पर गलत देयकों के निराकरण के लिए समिति का पुनर्गठन किया जाए। समिति में विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंधक (वितरण केन्द्र, जोन के प्रभारी कनिष्ठ और सहायक यंत्री) सदस्य संयोजक होंगे। समिति में जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा 6 अशासकीय सदस्य नामांकित किए जाएंगे। इनमें एक जनपद पंचायत के सदस्य, एक नगरीय क्षेत्र (यदि है तो) के पार्षद, एक कृषि/व्यवसायिक उपभोक्ता, एक घरेलू उपभोक्ता और 2 महिला सदस्य शामिल होंगे। समिति हर माह के दूसरे मंगलवार को 12 बजे वितरण केन्द्र, जोन पर बैठक कर प्राप्त आवेदनों पर विचार कर अनुशंसा करेगी। इस दिन अवकाश होने पर समिति अगले कार्य-दिवस पर बैठक करेगी। बैठक का कोरम कम से कम तीन सदस्य का होगा।
ऐसे होगा काम
गलत बिजली बिलों के निराकरण संबंधी आवेदन प्राप्त होने पर विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंधक के माध्यम से इन्हें समिति के समक्ष रखा जाएगा। समिति की अनुशंसा के 3 दिन के भीतर सदस्य संयोजक द्वारा प्रकरण कंपनी के उप महाप्रबंधक/कार्यपालन यंत्री को प्रस्तुत कर दिया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनी के डेलीगेशन आॅफ पॉवर अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार बिल सुधार की कार्यवाही 7 दिन के भीतर पूरी कर उपभोक्ता को सुधरा हुआ बिल जारी होगा और समिति को इसकी सूचना भी दी जाएगी। प्राधिकृत अधिकारी द्वारा की गयी कार्यवाही से समिति के संतुष्ट न होने पर मामला अधीक्षण अभियंता/महाप्रबंधक को भेजा जाएगा। अधीक्षण अभियंता/महाप्रबंधक का निर्णय अंतिम होगा।