SPS से IPS बनने में पिछड़ते MP के अफसर

जानिए अन्य राज्यों की तुलना में MP के अफसरों की स्थिति

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SPS से IPS बनने में पिछड़ते MP के अफसर

Bhopal: राज्य पुलिस सेवा (SPS) के अफसरों को IPS अवार्ड मिलने में मध्य प्रदेश लगातार पिछड़ता जा रहा है। स्थिति यह बन गई है कि MP इस क्रम में 18 राज्यों से पीछे हो चुका हैं। जबकि एक राज्य में उपनिरीक्षक से जो भर्ती हुए हैं, उन्हें अब IPS अवार्ड होने लगा है, जबकि हमारे यहां पर IPS अवार्ड मिलने की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर नहीं मानी जा रही है।

             राज्य पुलिस सेवा संगठन के अफसरों ने इस संबंध में जो जानकारी जुटाई है। उसके अनुसार मध्य प्रदेश के अफसरों को IPS अवार्ड दिए जाने की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में धीमी है। इसके चलते ही यह स्थिति बन गई कि कर्नाटक जैसे राज्य में जहां 2012 के राज्य पुलिस सेवा के अफसर IPS हो रहे हैं, वहीं हमारे यहां पर अभी 1996 बैच के अफसर को ही IPS अवार्ड हुआ। इस साल हुई डीपीसी में  वर्ष 1996 बैच और वर्ष 1997 के कुछ अफसरों को IPS दिए जाने पर विचार हुआ था।

*दूसरे राज्य हमसे बेहतर*
जबकि अन्य राज्यों के पुलिस अफसरों की स्थिति मध्य प्रदेश की तुलना में बहुत बेहतर मानी जाती है। जानकारी के अनुसार कर्नाटक में जहां राज्य पुलिस सेवा के 2012 के अफसर IPS हो चुके हैं। वहीं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 2010 के राज्य पुलिस सेवा (SPS)  के अफसरों को IPS अवार्ड हो गया है। यही स्थिति गुजरात की बताई जाती है। यहां के भी 2010 तक के बैच के अफसर IPS हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में 2009, उत्तराखंड और बिहार में 2005, हरियाणा, महाराष्ट्र, मेद्यालय में 2004, तमिलनाडु के 2002 तक के अफसर, गोवा, दिल्ली के 2001 तक के अफसर, हिमाचल, झारखंड में 2000 , जम्मू कश्मीर 1999, छत्तीसगढ़ 1998, राजस्थान 1997 तक के राज्य पुलिस सेवा (SPS) के अफसर IPS हो चुके हैं।

*केरल में सब इंस्पेक्टर बन रहे IPS*
राज्य पुलिस सेवा (SPS) के अफसरों को IPS अवार्ड किए जाने में सबसे बेहतर स्थिति केरल की मानी जाती है। यहां पर वर्ष 1995 में उपनिरीक्षक से भर्ती हुए अफसरों को IPS अवार्ड हो चुका है। ये अफसर उपनिरीक्षक से पदोन्नत होते हुए निरीक्षक, डीएसपी बने, इसके बाद इन्हें IPS अवार्ड हुआ।

*इसलिए बिगड़ गई एमपी की स्थिति*
मध्य प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा की भर्ती कुछ वर्षो में व्यवस्थित संख्या में नहीं होने से यह स्थिति बन गई है। एमपी पीएससी की दो वर्ष की परीक्षा वाले सिलेक्टेड अफसरों को एक ही वर्ष मिलने से वर्ष 1995 बैच में अफसरों की संख्या ज्यादा हो गई। इस बैच के सभी अफसरों को IPS बनने में 6 वर्ष लग गए। आईपीएस के लिए जिनती जगह निकलती, उतने अफसरों को आईपीएस अवार्ड किया जाता रहा। पिछले साल जनवरी में वर्ष 1995 बैच के राज्य पुलिस सेवा के सभी अफसर आईपीएस हो गए थे। इस साल मई में हुई डीपीसी के बाद जो आदेश जारी होगा उसमें 1997 बैच के कुछ अफसर IPS होंगे।