MP Panchayat Election : चुनाव निरस्त, अब कैंडिडेट्स की जमानत राशि लौटाई जाएगी

दो वकीलों का लीगल ओपिनियन नहीं मिलने से फैसला एक दिन बाद आया

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Panchayat and Municipal Elections in MP : पंचायत और नगर निकाय के चुनाव का रास्ता खुला! 

MP Panchayat Election : चुनाव निरस्त, अब कैंडिडेट्स की जमानत राशि लौटाई जाएगी

Bhopal : मध्यप्रदेश में अब पंचायत चुनाव नहीं होंगे। औपचारिक रूप से राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। आयोग के सचिव बीएस जामोद के मुताबिक, कानूनी राय के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है।

अब कैंडिडेट के नामांकन के साथ जो जमानत राशि जमा की गई है, उसे वापस किया जाएगा। आयोग में सोमवार चुनाव निरस्त करने को लेकर को तीन बार बैठक की। इस दौरान आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ का लीगल ओपिनियन अफसरों को मिला! लेकिन, दो अन्य वकीलों की तरफ से लीगल ओपिनियन (Legal Opinion) नहीं मिल सका था। इस वजह से मंगलवार तक के लिए फैसला टाला गया था।

राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर वकीलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायत चुनाव पर ओपिनियन ली। आयोग को फैसला लेने में इतना वक्त इसलिए लगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को OBC के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने का आदेश दिया था।

इस बीच सरकार के पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेकर संकेत दे दिया था, कि अब पंचायत चुनाव होना संभव नहीं है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहा था कि पंचायत चुनाव टलेंगे। उन्होंने कहा था ‘मैं समझता हूं कि चुनाव स्थगित हो जाना चाहिए।’

केंद्र सरकार भी बनी पक्षकार
पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण के मामले में केंद्र सरकार ने भी दखल दिया है। केंद्र सरकार ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी को सुनवाई होगी। राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था। लेकिन, जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव कार्यक्रम घोषित हुआ था, सरकार ने उसे ही वापस ले लिया, इसलिए पूरी चुनाव प्रक्रिया को ही स्थगित करना पड़ा।

सॉलिसिटर जनरल से चर्चा
पंचायत चुनाव में OBC Reservation पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को बहाल कराने के लिए शिवराज सरकार ने हरसंभव प्रयास किए। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की जा चुकी है, 3 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने रविवार को दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित कई कानून विशेषज्ञों के साथ बैठक भी की।

OBC की गिनती शुरू
OBC आरक्षण की तय लिमिट 50% से ज्यादा आरक्षण के लिए सरकार को कोर्ट के सामने आंकड़े प्रस्तुत करने होंगे। इसके मद्देनजर सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग के माध्यम से OBC मतदाताओं की गिनती कराने का काम प्रारंभ कर दिया है। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 7 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और पंचायतवार और वार्डवार जानकारी शासन को भेजी जाए।