Bhopal : शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर कमलनाथ सरकार का फैसला पलट दिया। नए फैसले में ऐसी पंचायतों का परिसीमन निरस्त (Delimitation Repealed) कर दिया है, जहां पिछले एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं। अब ऐसी सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था से चुनाव से होंगे। प्रदेश में करीब 23 हजार 835 ग्राम पंचायतें हैं। ऐसे में 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रिस्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं साल 2014-15 में हुए पंचायत चुनाव का 2020 तक कार्यकाल रहा। अब नए चुनाव होना है।
यह व्यवस्था उन पंचायतों में लागू नहीं होगी, जिसके क्षेत्र किसी नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित किए गए हैं। इसके लिए सरकार ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश -2021 (Madhya Pradesh Panchayat Raj and Village Swaraj (Amendment) Ordinance-2021) लागू कर दिया है, जिसकी अधिसूचना रविवार रात जारी कर दी गई। पंचायतों का परिसीमन चुनाव से पहले करने का प्रावधान है। इस वजह से ऐसी पंचायतें जहां परिसीमन हो गया है, लेकिन उसके प्रकाशन से एक साल के अंदर चुनाव नहीं हुए, तो उक्त परिसीमन को निरस्त माना जाएगा। इस वजह से अब ऐसी व्यवस्था लागू होगी, जो परिसीमन के पहले थी। इसके अलावा आरक्षण भी वैसा ही रहेगा, जैसा पहले था।
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में 137, नरसिंहपुर में 103 और राजगढ़ में करीब 80 नई पंचायतें बनी हैं। सागर में 25, खरगोन में 19 और शिवपुरी में 13 पंचायतों को समाप्त कर दिया गया। कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2019 में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी। दूसरी और 102 ग्राम पंचायतों को खत्म किया था।