Bhopal : भोपाल और इंदौर में जल्द ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police Commissioner System) लागू होने वाली है। इस मुद्दे पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमिश्नर प्रणाली शीघ्र लागू की जाएगी। ड्राफ्ट बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेज दिया है। जल्द ही वह उस पर मुहर लग सकती है। खास बात यह कि इंदौर और भोपाल में किन अधिकारियों को पहला कमिश्नर बनाया जा सकता है।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शीघ्र इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी जाएगी, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। आज मुख्यमंत्री पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police Commissioner System) के ड्राफ्ट पर मुहर लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि भोपाल के 32 थाने और इंदौर के 34 थाना क्षेत्रों में यह पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की तैयारी है।
ये बन सकते हैं पहले कमिश्नर
खास बात यह है कि जिन अधिकारियों को भोपाल और इंदौर का पहला कमिश्नर बनाया जा सकता है, उनके नामों पर चर्चा भी शुरू हो गई है। इंदौर का पहला कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र (Indore’s first commissioner Harinarayanchari Mishra) को बनाया जा सकता है। जबकि, राजधानी भोपाल के पुलिस कमिश्नर एसाई मनोहर (Bhopal Police Commissioner A Sai Manohar) बन सकते हैं। ये दोनों ही अधिकारी लंबे समय से इन शहरों में पदस्थ है। अनुभव में भी ये दूसरों से आगे हैं। ऐसे में कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही इनके नामों पर मुहर लगना तय है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) के मुताबिक गृह विभाग ने जो खाका तैयार किया है, उसके मुताबिक इस सिस्टम में एक पुलिस कमिश्नर होंगे। साथ ही तीन अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर रैंक के अधिकारी होंगे। 8 अधिकारी उपायुक्त स्तर के होंगे, जबकि 12 अधिकारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त स्तर के होंगे। इस सिस्टम में 29 अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के पदस्थ होंगे।
मिलेंगे यह बड़े अधिकार
भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू होते ही पुलिस के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के तहत पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा जैसे 107, 116, 144, 133 के अधिकार मिल जाएंगे। इसके अलावा पुलिस एक्ट, मोटरयान अधिनियम, NSA के अधिकार भी पुलिस को मिल जाएंगे। राज्य सुरक्षा अधिनियम, जिला बदर अधिकार, प्रिजनर एक्ट, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम और शासकीय गोपनीय अधिनियम के अधिकार भी पुलिस के पास चले जाएंगे। प्रतिबंधात्मक धाराओं में गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पुलिस कोर्ट से होगी। किसी अपराधी को जिला बदर करने का अधिकार भी पुलिस अफसरों के पास होगा।