MP Police: IJR में MP पुलिस टॉप 10 से हुई बाहर

रिपोर्ट में पाया पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में कमी और आरक्षित पद नहीं भर पाए

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MP Police: IJR में MP पुलिस टॉप 10 से हुई बाहर

 

भोपाल: इंडियन जस्टिस रिपोर्ट (IJR) 2025 में प्रदेश पुलिस देश भर के राज्यों की रैकिंग में टॉप टेन से बाहर हो गई है। IJR ने देश भर के सभी राज्यों की पुलिस के 32 बिंदुओं पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इससे पहले यह रिपोर्ट 2022 में सामने आई थी। उस वक्त प्रदेश की पुलिस टॉप टेन में शामिल थी, लेकिन अब यह चार पायदान नीचे सरक गई है।

खासबात यह है कि इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश से ऊपर बिहार की पुलिस है, जो टॉप टेन में जगह पाने में सफल रही है।

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*ये राज्य रिपोर्ट में हम से बेहतर* 

इस रिपोर्ट के अनुसार टॉप टेन में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब, ओडिसा, गुजरात, बिहार शामिल हैं। इन सभी स्टेट की पुलिस मध्य प्रदेश से बेहतर इस रिपोर्ट में बताई गई है। जबकि पिछली रिपोर्ट में मध्य प्रदेश पुलिस सातवें नंबर पर थी। प्रदेश से बेहतर तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तराखंड, ओडिसा और तमिलनाडु राज्यों की पुलिस थी।

*इन क्षेत्रों से तैयार हुई रिपोर्ट* 

पुलिस के बजट पर पांच बिंदु इस रिपोर्ट में शामिल किए गए थे। जिसमें प्रति पुलिसकर्मी पर 902 रुपए, पुलिस को मिलने वाले बजट का 2.46 प्रतिशत हिस्सा पुलिस प्रशिक्षण के लिए दिया गया। ट्रैनिंग में इस बजट का 80 प्रतिशत ही राशि खर्च की गई। प्रशिक्षण के दौरान प्रति व्यक्ति खर्च होने वाली राशि पूर्व से घटकर 15236 हो गई है। पुलिस आधुनिकीकरण का फंड 48 प्रतिशत उपयोग हुआ।

 *कितनी कमी आरक्षक और अफसरों की* 

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आरक्षक के रिक्त पद 12.9 प्रतिशत हैं। जबकि अधिकारियों के रिक्त पदों का प्रतिशत 19.3 है। वहीं फॉरेंसिक और साइंटिफिक स्टॉप की कमी भी इस रिपोर्ट में बताई गई है।

इस रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश के 98 प्रतिशत थानों में कम से कम एक कैमरो तो लगा ही हुआ है। वहीं महिला हेल्प डेस्क 82 प्रतिशत थानों में काम कर रही है। इसमें यह भी बताया गया है कि 1 हजार 59 लोगों पर एक पुलिसकर्मी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 31 हजार 81 लोगों पर एक पुलिस थाना है। जबकि शहरी क्षेत्रों में 50 हजार 305 लोगों पर एक थाना है